e0a4a8e0a4ace0a4a8e0a58de0a4a8e0a4be e0a49ae0a4b2e0a58b e0a4b9e0a4bfe0a482e0a4b8e0a4be e0a4ace0a580e0a49ce0a587e0a4aae0a580 e0a495
e0a4a8e0a4ace0a4a8e0a58de0a4a8e0a4be e0a49ae0a4b2e0a58b e0a4b9e0a4bfe0a482e0a4b8e0a4be e0a4ace0a580e0a49ce0a587e0a4aae0a580 e0a495 1

हाइलाइट्स

नाबन्ना चलो हिंसा पर बीजेपी की रिपोर्ट तैयार
पांच सदस्यीय कमिटी ने जेपी नड्डा को सौंपी रिपोर्ट
हिंसा में कई कार्यकर्ता हुए थे गंभीर रूप से घायल

नई दिल्ली. बीजेपी की पांच सदस्यीय कमिटी ने पश्चिम बंगाल में ‘नाबन्ना चलो’ अभियान के दौरान हुई हिंसा की रिपोर्ट पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा को सौंप दी है. इस हिंसा में बीजेपी के कई कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इस कमिटी का नेतृत्व उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी और राज्यसभा सांसद ब्रिज लाल ने किया. उन्होंने अनुशंसा की कि पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा की जांच सीबीआई से कराई जाए.

बीजेपी की इस कमिटी ने इस हिंसा के दौरान पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाए. इसने आरोप लगाया कि हिंसा में सरकार और पुलिस की भी मिलीभगत थी. कमिटी का कहना है कि नाबन्ना हिंसा की निष्पक्ष जांच संभव नहीं, क्योंकि पुलिस अपने राजनीतिक आकाओं से मिली हुई थी. पश्चिम बंगाल में तृण मूल कांग्रेस की अध्यक्ष और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी गृह मंत्री भी हैं. इसलिए इस हिंसा की जांच सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसी से करानी चाहिए.

कमिटी ने इस बात की अनुशंसा भी की है कि राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन को भी कोलकाता जाकर पुलिस और टीएमसी के गुंडों की हिंसा और बर्बरता देखनी चाहिए. कमिटी ने यहां तक कहा कि पुलिसकर्मियों ने चेहरा ढंककर, बैच हटाकर, सिविल ड्रेस पहनकर गुंडों के साथ हिंसा की. हिंसा के दौरान जिला प्रशासन ने विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए संतरागाछी और हावड़ा मैदान में धारा 144 लागू कर दी थी. हालांकि, लाल बाजार और एमजी रोड पर इस धारा का कोई प्रभाव नहीं हुआ और वहां सरकार समर्थित अभूतपूर्व हिंसा हुई.

READ More...  पाकिस्तान को रास नहीं आ रहा जम्मू-कश्मीर का विकास, बढ़ाए घुसपैठ के प्रयास: भारत

Tags: CBI, New Delhi news

Article Credite: Original Source(, All rights reserve)