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नई दिल्ली. महिला बॉक्सर निखत जरीन ने इतिहास रच दिया है. उन्होंने वर्ल्ड चैंपियनशिप में सोना जीता है. इसके साथ ही उन्होंने एमसी मैरीकॉम की बराबरी कर ली है. वे जूनियर कैटेगरी में वर्ल्ड चैंपियन बन चुकी हैं. 24 वर्षीय निखत ने थाइलैंड की बॉक्सर की जुटामास जितपोंग को एकतरफा मुकाबले में 5-0 से हराकर सोने का तमगा हासिल किया. निखत जरीन ने सेमीफाइनल में ब्राजील की कैरोलिन डि एलमेडा को हराया था. यह मुकाबला भी उन्होंने दबदबे के साथ एकतरफा जीता था.

6 बार की वर्ल्ड चैम्पियन एमसी मैरीकॉम, सरिता देवी, जेनी आरएल और लेखा सी ऐसी भारतीय महिला मुक्केबाज हैं, जिन्होंने वर्ल्ड खिताब अपने नाम किए हैं. अब हैदराबाद की मुक्केबाज जरीन भी इस सूची में शामिल हो गई हैं. 6 बार की चैंपियन एमसी मैरीकॉम (2002, 2005, 2006, 2008, 2010 और 2018), सरिता देवी (2006), जेनी आरएल (2006) और लेखा केसी इससे पहले विश्व खिताब जीत चुकी हैं. जरीन के गोल्ड मेडल के अलावा मनीषा मोन (57 किग्रा) और पदार्पण कर रही परवीन हुड्डा (63 किग्रा) ने कांस्य पदक जीते. टूर्नामेंट में भारत के 12 सदस्यीय दल ने हिस्सा लिया था.

भारत के पदक की संख्या में पिछले टूर्नामेंट की तुलना में एक पदक की गिरावट आई, लेकिन चार साल बाद कोई भारतीय मुक्केबाज विश्व चैंपियन बनीं. मैरीकॉम ने 2018 में भारत के लिए पिछला स्वर्ण पदक जीता था. भारत का इस प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2006 में रहा है, जब देश ने 4 स्वर्ण, एक रजत और तीन कांस्य सहित आठ पदक जीते थे.

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