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नई दिल्ली. ओलंपिक चैंपियन भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा से प्रेरित युवा निशानेबाज अर्जुन बबूता विश्व चैंपियनशिप में दमदार प्रदर्शन करके ओलंपिक कोटा हासिल करना चाहते हैं. 23 साल के अर्जुन ने कोरिया के चांगवान में चल रहे आईएसएसएफ विश्व कप (ISSF World Cup-2022) में भारत के प्रभावी प्रदर्शन में अहम भूमिका निभाते हुए दो स्वर्ण पदक जीते हैं.

अर्जुन ने कहा, ‘नीरज चोपड़ा और मैं चंडीगढ़ में एक ही कॉलेज में पढ़े हैं, वह हालांकि मुझसे एक साल सीनियर थे. उन्होंने 2021 में ओलंपिक खेलों में जो उपलब्धि हासिल की, वह मेरे जैसे खिलाड़ियों के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है और बेशक वह बहुत बड़ी प्रेरणा हैं. खेल युवा खिलाड़ियों को रोजाना कड़ी मेहनत करनी पड़ती है लेकिन नीरज के ऐतिहासिक प्रदर्शन ने मुझ सहित युवा खिलाड़ियों की पूरी पीढ़ी को प्रेरित किया है जिनमें शीर्ष स्तर पर भारत के लिए पदक जीतने की भूख पहले से अधिक है.’

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विश्व कप में दो स्वर्ण पदक जीतने की बदौलत पूरी संभावना है कि अर्जुन को काहिरा में आगामी विश्व कप के लिए भारतीय टीम में जगह मिलेगी. अर्जुन ने कहा कि अभी उनके जीवन का सबसे बड़ा लक्ष्य पेरिस ओलंपिक खेलों में पदक जीतना है. उन्होंने कहा, ‘मैं 19 साल का था जब मैं 2019 में टोक्यो ओलंपिक की क्वालिफाइंग स्पर्धा में चूक गया. इसकी पीड़ा और दर्द कष्टकारी थी लेकिन मैंने कड़ा अभ्यास करके सुनिश्चित किया कि मैं विश्व कप में पदक जीतूं.’

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अर्जुन ने कहा, ‘अभी मेरा मुख्य लक्ष्य विश्व चैंपियनशिप में शीर्ष प्रदर्शन करना ओर पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करना है.’ पंजाब के निशानेबाज अर्जुन ने कहा कि वह 2008 बीजिंग ओलंपिक में अभिनव बिंद्रा के एतिहासिक स्वर्ण पदक की कहानी सुनते हुए बड़े हुए. बिंद्रा ओलंपिक खेलों में व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय थे.

23 वर्षीय अर्जुन ने कहा, ‘उनकी उपलब्धियों मुझे एक निशानेबाज के रूप में ढाला। उनके जैसे शानदार व्यक्तित्व ने 2018 में भारतीय खेलों को बदल दिया, जीवन और खेल के बारे में मुझे इतनी सारी चीजें सिखाई.’

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अपने शुरुआती वर्षों में अर्जुन को लेफ्टिनेंट कर्नल जीएस ढिल्लों (रिटायर्ड) ने ट्रेनिंग दी. ढिल्लों 1995 में बिंद्रा को भी निशानेबाजी के गुर सिखा चुके हैं. अर्जुन ने कहा, ‘‘ढिल्लों सरकार की सीख ने मुझे वहां पहुंचाया, जहां में अभी हूं. उन्होंने लंबे समय पहले मुझे कहा था कि अगर मैं लगातार अच्छा प्रदर्शन करता हूं तो अगला अभिनव बिंद्रा बन सकता हूं. उन्होंने मुझे अपने निशानेबाजी उपकरण तोहफे में भी दिए.’

अर्जुन ने कहा कि ऑस्ट्रिया के दिग्गज थॉमस फार्निक को मुख्य विदेशी राइफल कोच के रूप में बिलकुल सही समय पर भारतीय टीम के साथ जोड़ा गया है. उन्होंने कहा, ‘थॉमस सर का मौजूदा विश्व कप में मेरे प्रदर्शन में काफी सकारात्मक असर रहा. खेल के लिए उनका प्यार, मार्गदर्शन के रूप में उनकी भूमिका शानदार है. जॉयदीप सर (करमाकर) और सुमा (शिरूर) की भूमिका भी शानदार रही.’

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