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चंडीगढ़. पंजाब के बठिंडा के एक किसान ने एयरोमॉडलिंग के क्षेत्र में उतरकर उड़ान के अपने बचपन के जज्बे को हकीकत में पंख लगा दिए हैं. अब उसने विद्यार्थियों को एयरोनॉटिक्स की बारीकियां पढ़ाने के लिए कई विश्वविद्यालयों के साथ हाथ मिलाया है. किसान यादविंदर सिंह खोखर उच्च घनत्व के थर्मोकॉल से विभिन्न विमानों के मॉडल बना रहे हैं. उन्हें अपनी सृजनशीलता एवं नवोन्मेष को लेकर कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं. वह बठिंडा जिले में ‘भगता भाई का’ उप तहसील के सिर्येवाला गांव के निवासी हैं.

उन्होंने कहा, ‘(बचपन में) पक्षी की तरह उड़ना चाहता था. अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद 1996 में जब मैं खेती-बाड़ी करने लगा, तब भी मेरे मन में कहीं न कहीं यह इच्छा, यह उत्साह बना रहा.’ खोखर ने बठिंडा एवं मुक्तसर में ही प्रारंभिक शिक्षा हासिल की. नाभा में पंजाब पब्लिक स्कूल से माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक कक्षाएं उत्तीर्ण की. उन्होंने जालंधर के डीएवी महाविद्यालय से स्नातक किया और बाद में बठिंडा से कंप्यूटर अप्लिकेशन में डिप्लोमा किया.

दिल्ली में एयरोमॉडलिंग की पढ़ाई की
उन्होंने कहा, ‘1996 में अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद मैं अपने गांव में खेती-बाड़ी करने लगा। 2007 में परिवार में शादी थी और उसी सिलसिले में मैं ब्रिटेन गया था। मैंने वहां एक फ्लाइंग क्लब में इन एयरो मॉडल को देखा.’ उन्होंने कहा, ‘मैं वहां से दो छोटे एयरो मॉडल लाया. चूंकि एयरोमॉडलिंग में मेरी दिलचस्पी पैदा हो गयी थी. इसलिए मैं इस विषय पर और सूचनाएं जुटाने के लिए इंटरनेट पर चीजें ढूंढने लगा. बाद में मैंने दिल्ली में एक संस्थान से एयरोमॉडलिंग पर एक पाठ्यक्रम किया. सेना एवं वायुसेना के कुछ सेवानिवृत अधिकारी यह संस्थान चलाते थे.’

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फार्महाउस में बनाया रनवे और वर्कशॉप
खोखर ने कहा, ‘वे (संस्थान चलाने वाले) मासिक पत्रिका भी प्रकाशित करते थे जिसमें उड़ान सिद्धांत, इलेक्ट्रोनिक सेट-अप, इंजन सेट-अप के विभिन्न पहलुओं, विमान कैसे उड़ते हैं, आदि हर बात को विस्तार से बताया जाता था. खोखर बाद में अपने एयरोमॉडल बनाने लगे. अपने गांव में अपने फार्महाउस पर उन्होंने एक एकड़ की जमीन में एक रनवे, कार्यशाला और एयरोमॉडलिंग प्रयोगशाला बनायी. वह विभिन्न विमानों के मॉडल बनाते हैं और उन्हें अपने खेतों के ऊपर उड़ाते हैं.

2022 में इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में मिली जगह
उन्होंने कहा, ‘हाल में मैंने सी-130 हरक्यूलिस परिवहन विमान का मॉडल बनाया जो भारत में हाथ से बना सबसे बड़ा विमान मॉडल है और उसे अगस्त, 2022 में इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में जगह मिली है.’ खोखर ने कहा कि वह जो भी कर रहे है वह नागर विमानन महानिदेशालय के दिशानिर्देशों के दायरे में है. उन्होंने चंडीगढ़ विश्वविद्यालय, महाराजा रणजीत सिंह पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी,बठिंडा और जीएनए विश्वविद्यालय, फगवाड़ा से हाथ मिलाया है. वह विद्यार्थियों को एयरोनॉटिक्स की बारीकियां पढ़ाते हैं.

Tags: Punjab

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