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चंडीगढ़. पंजाब में सूअरों में अफ्रीकन स्‍वाइन फीवर खत्‍म होने का नाम नहीं ले रहा है. राज्‍य के 6 जिलों के पहले से ही प्रभावित होने के बाद अब बरनाला के एक और गांव में अफ्रीकन स्‍वाइन फीवर की पुष्टि हुई है. बरनाला के गांव धनौला से हाल ही में सैंपल भेजे गए थे. जिनके पॉजिटिव आने के बाद इलाके में हड़कंप मच गया है. हालांकि पंजाब के एक हिस्‍से में राहत भी देखी जा रही है. पहले से प्रभावित हुए 6 जिलों से दोबारा सैंपल भेजे गए थे जिनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है.

पंजाब के पशुपालन, मत्स्य पालन और डेयरी विकास मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने यहां बताया कि बरनाला जिले के धनौला गांव से भेजे गए सुअर के नमूने में अफ्रीकी स्वाइन फीवर की पुष्टि हुई है. जिसके बाद इस क्षेत्र को प्रभावित जोन घोषित किया गया था. हालांकि फिलहाल संगरूर जिले से भी तीन संदिग्ध सैंपल भेजे गए थे लेकिन सभी सैंपल नेगेटिव पाए गए हैं.

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि भोपाल की भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) राष्ट्रीय सुरक्षा पशु रोग संस्था द्वारा इसकी पुष्टि की गई है. उन्होंने कहा कि धनौला गांव में बीमारी के केंद्र से 0-1 किमी तक के क्षेत्र को ‘संक्रमण जोन’ और 1 -10 किमी (9 किमी) को ‘निगरानी जोन’ घोषित किया गया है. इस क्षेत्र से कोई भी जीवित या मृत सुअर, सुअर का मांस या किसी भी संबंधित सामग्री को ना बाहर ले जाया जाएगा और ना अंदर लाया जाएगा. उन्होंने कहा कि विभाग के कर्मचारियों को निगरानी क्षेत्र में भी कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए गए है.

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पशुपालन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने छह प्रभावित जिलों का विवरण देते हुए कहा कि पटियाला, फतेहगढ़ साहिब, एसबीएस नगर ,फाजिल्का, फरीदकोट और मानसा के घोषित संक्रमित जोन में सूअरों को कलिंग की जा चुकी है ताकि बीमारी को आगे बढने से रोका जा सके. इसके बाद इन जगहों से दोबारा भेजे गए सैंपल निगेटिव पाए गए हैं.

कैबिनेट मंत्री ने पशुपालकों से अपील की कि वे सुअरों को इधर-उधर ना लेकर जाएं, सुअर व्यापारियों या कारोबारियों को उनके फार्मों में आने से सख्ती से रोकें और साथ ही सुअरों की खुराक भी अपने ही फार्म में तैयार करें क्योंकि सावधानी अपनाने से ही इस बीमारी से बचाव किया जा सकता है.

Tags: Animals, Punjab news, Swine flu

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