
वॉशिंगटन. अमेरिका के दो प्रभावशाली सांसदों ने प्रतिनिधि सभा में एक प्रस्ताव पेश कर पाकिस्तान की मुश्किल बढ़ा दी है. इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से 1971 में पाकिस्तानी सशस्त्र बलों द्वारा जातीय बंगालियों और हिंदुओं के खिलाफ किए गए अत्याचारों को नरसंहार करार देने का अनुरोध किया गया है.
भारतीय अमेरिकी कांग्रेस सदस्य रो खन्ना और सांसद सीव चाबोट ने शुक्रवार को प्रतिनिधि सभा में यह प्रस्ताव पेश किया. इसमें पाकिस्तान सरकार से ऐसे नरसंहार में उसकी भूमिका के लिए बांग्लादेश के लोगों से माफी मांगने के लिए भी कहा गया है. इसको लेकर रिपब्लिकन पार्टी के सांसद चाबोट ने ट्वीट किया- ‘हमें वर्षों बाद भी उन लाखों लोगों को नहीं भूलना चाहिए जो नरसंहार में मारे गए थे. नरसंहार की बात स्वीकारने से ऐतिहासिक रिकॉर्ड मजबूत होता है. हमारे साथी अमेरिकी जागरूक होते हैं और साथ ही भविष्य के साजिशकर्ताओं को यह पता चलता है कि ऐसे अपराधियों को बख्शा या भुलाया नहीं जाएगा.’
अत्याचारों को नरसंहार करार देने लाया गया प्रस्ताव
उन्होंने कहा- ‘बांग्लादेश का 1971 का नरसंहार भुलाया नहीं जाना चाहिए. ओहायो के फर्स्ट डिस्ट्रिक्ट के मेरे हिंदू साथी रो खन्ना की मदद से मैंने बंगालियों और हिंदुओं के खिलाफ व्यापक पैमाने पर हुए अत्याचारों को नरसंहार करार देने के लिए यह प्रस्ताव पेश किया है.’
नरसंहार में 80 फीसद हिंदुओं की हुई हत्या
खन्ना ने कहा कि बांग्लादेश में 1971 में नरसंहार हुआ था और लाखों लोग मारे गए थे. उन्होंने कहा कि उन लाखों मृतकों में से 80 फीसदी हिंदू थे. बांग्लादेशी समुदाय ने इस प्रस्ताव का स्वागत किया है.
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FIRST PUBLISHED : October 16, 2022, 00:02 IST
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