
नई दिल्ली: केंद्र ने सोमवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग आज अनुच्छेद 370 को लागू करने की नहीं बल्कि विकास और रोजगार की मांग कर रहे हैं तथा यह बात पाकिस्तान को पसंद नहीं आ रही है और इसी कारण पड़ोसी देश ने घुसपैठ और संघर्ष विराम समझौते के उल्लंघन के प्रयास बढ़ा दिए हैं। गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने राज्यसभा में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक पर हुई चर्चा के जवाब में यह बात कही।
उन्होंने कहा कि 2019 की तुलना में 2020 में जम्मू कश्मीर में घुसपैठ के प्रयास, पथराव तथा आतंकवाद की घटनाओं में कमी आई जबकि राज्य में मारे गए आतंकवादियों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर की जनता आज (अनुच्छेद) 370 की मांग नहीं कर रही। जम्मू कश्मीर की जनता विकास की मांग कर रही है। वहां की जनता मांग कर रही है कि नौजवानों को रोजगार मिले।’’
रेड्डी ने कहा कि जम्मू कश्मीर विकास की राह पर चले, इसे रोकने के लिए पाकिस्तान ने घुसपैठ और संघर्ष विराम उल्लंघन के प्रयास बढ़ा दिए है। उन्होंने कहा कि 2019 में पाकिस्तान द्वारा 216 बार घुसपैठ के प्रयास किए गए जो 2020 में घटकर 99 रह गए। इसी प्रकार 2019 में आतंकवाद की घटनाओं में 127 लोग घायल हुए जिनकी संख्या 2020 में 71 थी।
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में 2019 में 157 आतंकवादी मारे गए थे जिनकी संख्या 2020 में 221 थी। इसी प्रकार राज्य में 2019 में आतंकवाद की 594 घटनाएं और पथराव की 2009 घटनाएं हुई जिनकी संख्या 2020 में घटकर क्रमश: 224 और 327 रह गई। मंत्री के जवाब के बाद सदन ने ध्वनिमत से विधेयक को पारित कर दिया।
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