e0a4aae0a4bee0a4b2e0a580 e0a4aee0a587e0a482 e0a4a4e0a588e0a4afe0a4bee0a4b0 e0a4b9e0a581e0a486 e0a4a6e0a587e0a4b6 e0a495e0a4be e0a4aa
e0a4aae0a4bee0a4b2e0a580 e0a4aee0a587e0a482 e0a4a4e0a588e0a4afe0a4bee0a4b0 e0a4b9e0a581e0a486 e0a4a6e0a587e0a4b6 e0a495e0a4be e0a4aa 1

पाली. राजस्थान के पाली के लिये लंबे समय के बाद अब खुशखबरी आने वाली है. बरसों से जल प्रदूषण (Water Pollution) की समस्या का दंश झेलने वाले पाली में अब ‘जीरो लिक्विड डिस्चार्ज प्रोजेक्ट’ (Zero Liquid Discharge Project) तैयार किया गया है. अब जल्द ही बांडी नदी को भी पाली के प्रदूषित पानी से राहत मिल जाएगी. यह देश का ऐसा पहला कॉमन ट्रीटमेंट प्लांट है जो डीएएफ तकनीक से बना है. इसमें विदेशी मशीनें लगाई गई हैं. यह प्लांट प्रदूषित पानी को 3 चरणों में शुद्ध करके बाहर निकालेगा. उसमें से 93 फीसदी पानी का रीयूज हो सकेगा. 25 जून से इसकी शुरुआत हो जायेगी.

दरअसल बरसों से टेक्सटाइल फैक्ट्रियों के प्रदूषित पानी की मार झेल रहे पाली में इसके कारण शहर समेत आसपास के क्षेत्रों की हजारों बीघा जमीनें खराब हो गयी. सरकारी स्तर पर इस मामले में कोई ज्यादा सुध नहीं लेने से दुखी किसानों ने एनजीटी में इसकी शिकायत दर्ज करवाई. उसके बाद एनजीटी ने इस मामले में सख्त रवैया अपनाया.

एनजीटी के प्रयास लाये रंग
एनजीटी ने पाली शहर समेत आसपास के 60 किलोमीटर दायरे में औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले गंदे पानी से पर्यावरण को बचाने के लिए सख्ती की. उसके नतीजे अब सामने आने लग गये हैं. उसके बाद अब यहां सीईटीपी (कॉमन इंफ्यूलेंट ट्रीटमेंट प्लांट) से रसायन युक्त पानी को साफ करके उसे पुर्नउपयोग लायक बनाया जायेगा. इसके लिये जीरो लिक्विड डिसचार्ज प्रोजेक्ट तैयार किया गया है.

पूरा 12 एमएलडी पानी वापस फैक्ट्रियों में सप्लाई होगा
रीयूज हो सकने वाले पानी को छोड़कर शेष केमिकल वेस्ट को एमईई में डालकर नमक बनाया जाएगा. यह केमिकल के रूप में काम आएगा. इसकी टेस्टिंग पूरी हो चुकी है. आगामी 25 जून से पहले चरण में इसमें 3 एमएलडी पानी को ट्रीट किया जायेगा. उसके बाद 20 जुलाई तक सभी फैक्ट्रियों का पूरा 12 एमएलडी पानी वापस फैक्ट्रियों में सप्लाई होगा. यानी गंदा पानी अब नदी में नहीं जाएगा.

READ More...  मैक्रों ने पुतिन को यूक्रेन संकट को 'बढ़ावा' नहीं देने को कहा

करीब 100 करोड़ रुपये की लागत आई है
इस प्लांट पर करीब 100 करोड़ रुपये की लागत आई है. इसमें चार प्रमुख विदेशी मशीनें आधुनिक तकनीक से पानी को साफ करेगी. इसमें यूएफ, मेमरन, एनर्जी सेविंग टर्बो पंप और मल्टी इफेक्टिव एवोब्रेटर मशीन पूरी तरह से पानी को साफ कर रीयूज करने लायक बनाएगी. ये चारों मशीनें जापान यूएस और कनाडा से मंगवाई गई है.

Tags: Pali news, Rajasthan latest news, Rajasthan news, Water Pollution

Article Credite: Original Source(, All rights reserve)