e0a4aae0a582e0a4b0e0a4be e0a4aae0a4b0e0a4bfe0a4b5e0a4bee0a4b0 e0a4ade0a4bee0a4b0e0a4a4 e0a4aee0a587e0a482 e0a494e0a4b0 e0a4aee0a4b9
e0a4aae0a582e0a4b0e0a4be e0a4aae0a4b0e0a4bfe0a4b5e0a4bee0a4b0 e0a4ade0a4bee0a4b0e0a4a4 e0a4aee0a587e0a482 e0a494e0a4b0 e0a4aee0a4b9 1

हाइलाइट्स

पीठ ने केंद्र और असम सरकार को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में मांगा जवाब
याचिकाकर्ता का दावा है कि वह जन्म से भारत की नागरिक है

नई दिल्ली. उच्चतम न्यायालय ने उस महिला की याचिका पर केंद्र और असम सरकार से जवाब तलब किया है, जिसे विदेशी घोषित कर दिया गया था और उसका नाम अंतिम राष्ट्रीय नागरिक पंजी ‘एनआरसी‘ से बाहर कर दिया गया था. न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया है कि महिला के निर्वासन के लिए कोई कदम न उठाया जाए.

न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने गुवाहाटी उच्च न्यायालय के जून 2019 के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई पर सहमति जताई है. बोंगाई गांव स्थित विदेशी न्यायाधिकरण ने जून 2017 में एक आदेश जारी कर महिला को विदेशी घोषित कर दिया था, जिसके खिलाफ महिला ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था.उसे वहां से राहत नहीं मिली थी तथा उसकी याचिका खारिज कर दी गई थी. महिला पर आरोप है कि वह 25 मार्च 1971 के बाद अवैध रूप से बांग्लादेश से भारत में प्रवेश हुई थी.

पीठ ने केंद्र और असम सरकार को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में मांगा जवाब
महिला की ओर से पेश अधिवक्ता पीयूष कांति रॉय ने शीर्ष अदालत को अवगत कराया कि याचिकाकर्ता के परिवार के अन्य सभी सदस्यों को एनआरसी में शामिल किया गया है. पीठ ने कहा- ‘नोटिस जारी किया जाए‘ जिसका जवाब तीन सप्ताह में देना होगा.‘ इसके साथ ही न्यायालय ने मामले की सुनवाई 17 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी.

READ More...  वाईएसआर कांग्रेस का दावा, आंध्र प्रदेश का कर्ज केंद्र से कम, नहीं होंगे श्रीलंका जैसे हालात

याचिकाकर्ता का दावा है कि वह जन्म से भारत की नागरिक है
शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को पारित अपने आदेश में कहा- ‘मामले के सूचीबद्ध होने की अगली तारीख तक याचिकाकर्ता के निर्वासन के लिए कोई कदम नहीं उठाया जाएगा.‘ याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि वह जन्म से भारत की नागरिक है. याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता के माता, पिता, भाई बहन और पति सभी भारत के नागरिक हैं. याचिका में कहा गया है, हालांकि न्यायाधिकरण के साथ-साथ गौहाटी उच्च न्यायालय ने भी विभिन्न प्रदर्शित दस्तावेजों पर विचार किये बिना याचिकाकर्ता को विदेशी घोषित कर दिया है, जिसके परिणामस्वरूप गंभीर अन्याय हुआ है.‘ याचिका में कहा गया है कि एनआरसी के मसौदे में याचिकाकर्ता का नाम उसके पूरे परिवार के सदस्यों के साथ था.

Tags: Assam CM, Guwahati News, New Delhi news, Supreme Court

Article Credite: Original Source(, All rights reserve)