
नई दिल्ली: चीन की किसी भी नापाक हरकत का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारतीय सेना के हजारों जवान एलएसी यानी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तैनात हैं. सर्दियों के मौसम में जब बर्फ जम जाते हैं और तापमान माइनस डिग्री में चला जाता है, ऐसे में इन जवानों के लिए पीने की पानी की किल्लत को दूर करने के लिए भारतीय सेना ने बड़ा कदम उठाया है. इंडियन आर्मी कड़ाके की ठंड में भी अपने सैनिकों के लिए ताजा पेयजल उपलब्ध कराने के लिए बड़ी संख्या में तालाब बना रही है. इतना ही नहीं, सेना ने भयंकर सर्दी में जवानों के रहने के लिए पोर्टेबल घर का भी निर्माण किया है.
दरअसल, भारत ने पूर्वी लद्दाख में अप्रैल-मई 2020 से संभावित चीनी आक्रमण से निपटने के लिए बड़ी संख्या में नए उपकरणों के साथ 50,000 से अधिक सैनिकों को तैनात किया है. सीमा पर तैनात सैनिकों की रसद आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं. इंडियन आर्मी के इंजीनियर इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह ने कहा, ‘हम वहां तैनात जवानों की पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए बड़ी संख्या में तालाबों का निर्माण कर रहे हैं. दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ) जैसे अग्रिम स्थानों पर सैनिकों ने इस साल कड़ाके की ठंड में भी तालाबों के ताजे पानी का इस्तेमाल किया.’
उन्होंने आगे कहा कि अत्यधिक सर्दियों में सतह के स्तर पर पानी जम जाता है और चारों ओर बर्फ हो जाता है, मगर उसके नीचे यह लिक्विड रूप में मौजूद रहता है. हमारे सैनिकों ने अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए इन तालाबों के पानी का इस्तेमाल किया. बता दें कि डीबीओ यानी दौलत बेग ओल्डी लद्दाख में सबसे ठंडे और सबसे आगे के स्थानों में से एक है और कोल्ड डेजर्ट इलाके में अत्यधिक ठंड की स्थिति देखी जाती है और चारों ओर बर्फ ही बर्फ दिखता है.
इन इलाकों में तापमान कुछ मौकों पर शून्य से 40 डिग्री नीचे भी चला जाता है और सेना के लिए अपने जवानों को ताजा पानी और भोजन उपलब्ध कराना एक चुनौती बन जाता है. सेना के इंजीनियर्स ने सैनिकों को चीन सीमा के पास अग्रिम स्थानों पर रहने में मदद करने और वहां रहने की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए व्यापक कार्य किया है.
लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल के मुताबिक, सेना ने अब तक पूर्वी लद्दाख में सैनिकों के लिए 22,000 अतिरिक्त आवास बनाए हैं और उन्हें इस तरह से बनाया गया है कि इमारतों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया जा सके और जरूरत पड़ने पर विशिष्ट क्षेत्रों में स्थानांतरित किया जा सके. भारतीय सेना ने टैंकों, तोपों और पैदल सेना के लड़ाकू वाहनों के लिए बड़ी संख्या में आवास भी बनाए हैं ताकि बख्तरबंद जवान बहुत ठंडी परिस्थितियों में भी उन्हें संचालित कर सकें.
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Tags: China border crisis, India china dispute, Indian army
FIRST PUBLISHED : November 17, 2022, 13:57 IST
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