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पटना15 मिनट पहले

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मलबे के ढेर पर दिन गुजार रहे लोग, रात में हो रहे खौफजदा। - Dainik Bhaskar

मलबे के ढेर पर दिन गुजार रहे लोग, रात में हो रहे खौफजदा।

हम लोग अभी सीरिया में रह रहे हैं। बुलडोजर चला कर अधिकांश मकानों को मलबे में तब्दील कर दिया गया। चार दिनों से मोहल्ले में न पानी है, न बिजली। जो मकान कुछ कम क्षतिग्रस्त हैं, उनमें दरवाजे-खिड़की ध्वस्त हैं सो चोरी का खतरा बढ़ गया है। यानी न मकान सुरक्षित रहे न सामान।

राजीव नगर के नेपाली नगर के बाशिंदों ने इन्हीं शब्दों में अपना दर्द सुनाया। तोड़े गए घरों में सामान अगोर रहे रहे लोग गुरुवार को आगे की जिंदगी के लिए जद्दोजहद करते दिखे। जो लोग सामान लेकर कहीं चले गए थे, वे गैस सिलेंडर व अन्य जरूरी सामानों के साथ अपने टूटे घर में ही सामान व्यवस्थित करते दिखे।

लोगों ने कहा कि हाईकोर्ट के इस निर्णय कि मामला कोर्ट में रहने तक यथास्थिति बरकरार रहेगी से नेपाली नगर के बाशिंदों को बड़ी राहत मिली है। लेकिन, लोगों की मांग है कि जल्दी से बिजली-पानी की सुविधा बहाल हो जाए और बाद में जमीनों का सेटलमेंट हो जाए या फिर कहीं विस्थापित कर दिया जाए।

जिंदगी के लिए जद्दोजहद कर रहे टूटे घर वाले लोग

जिंदगी के लिए जद्दोजहद कर रहे टूटे घर वाले लोग

प्रशासन की कार्रवाई की हिटलरशाही से की तुलना

प्रशासन की कार्रवाई के दौरान क्षतिग्रस्त किए गए बिजली के पोल दिखाते हुए अभिषेक कुमार सिंह व रोहित सिंह ने आरोप लगाया कि जानबूझकर बिजली के पोल तोड़े गए। रात में यहां खौफ का माहौल है। हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद पानी-बिजली की सुविधा नहीं हुई। किसी तरह दूर से पानी लाया जा रहा है। लग नहीं रहा है कि हम अपने वतन में हैं।

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जुल्म की इंतहा दिखी

“बलराम सिंह ने कहा कि हिटलर के बारे में पढ़ा था, देखा नहीं था। नेपाली नगर में जो कुछ देखा, उससे हिटलर का अत्याचार समझ में आ गया। बताया कि कार्रवाई के दौरान मकान न तोड़ने की आरजू-मिन्नत करने वाले बुजुर्गों के साथ गाली-गलौज करते हुए पिटाई की गई है। अधिकारियों के निर्देश पर महिलाओं को पुरूष सिपाहियों ने बेरहमी से पीटा। ठाकुर लालभूषण सिंह ने कहा कि जुल्म की इंतहा हो गई यहां।”

“ओमप्रकाश रिक्शा चलाते हैं, बेटा का मेरिट पर एमबीबीएस में एडमिशन हो गया है। कर्ज लेकर किसी तरह 10 धूर में मकान बनाया था, लेकिन प्रशासन की कार्रवाई के बाद अब बेघर हो गए हैं। आरोप लगाया कि 7 घर कोर्ट का स्टे आर्डर आने के बाद तोड़े गए।”

“नीरू देवी का मकान बच गया है इसके लिए कोर्ट व भगवान का शुक्रिया अदा किया। पुरुषोत्तम कुमार ने कहा कि बिजली की सुविधा बहाल करने के लिए फोन करने पर बिजली विभाग ने कहा कि कुछ नहीं कर सकते है ऊपर से आदेश है, नेपाली नगर के इफेक्टेड एरिया में बिजली बहाल नहीं करने का। “

राजधानी के राजीवनगर व दीघा इलाके में बिहार राज्य आवास बोर्ड के अधिकारियों, राजीव नगर थाने की पुलिस और भू-माफियाओं की मिलीभगत से जमीन की बंदरबांद और अवैध कब्जे का खेल चला है। ऐसा नहीं है कि पुलिस मामले में गिरफ्तारी नहीं करती है या फिर एफआईआर नहीं करती है। सिर्फ मई और जून की ही बात करें तो बीते दो महीने में आवास बोर्ड के कार्यपालक अभियंता रणजीत कुमार रणवीर ने राजीव नगर थाने में अतिक्रमणकारियों के खिलाफ लगभग 10 एफआईआर कराई हैं। इसमें कुल 13 लोगों की गिरफ्तारी हुई है।

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13 लोगों में दो ही ऐसे हैं जो खुद को जमीन मालिक बता रहे थे। शेष या तो मजूदर हैं या फिर मुंशी। एक भी मामले में बड़े भू-माफियाओं की गिरफ्तारी नहीं की गई है। यहां तक कि हाईकोर्ट ने ढाई माह पहले भू-माफियाओं पर सीसीए का आदेश दिया लेकिन इस पर अब तक अमल नहीं किया गया है।

कोर्ट के आदेश के बावजूद राजीवनगर के उन इलाकों में बिजली-पानी बहाल नहीं की गई जहां बुल्डोजर चला था।

कोर्ट के आदेश के बावजूद राजीवनगर के उन इलाकों में बिजली-पानी बहाल नहीं की गई जहां बुल्डोजर चला था।

कोर्ट के आदेश पर केस, फिर भी फरार

  • जिस नेपाली नगर में दो दिनों तक बुलडोजर चला, वहां मई 2021 में जमीन कब्जा करने को लेकर दो पक्षों में गोलीबारी हुई थी। इसको लेकर राजीव नगर थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी।
  • एक पक्ष सुनील सिंह और दूसरे पक्ष में सुनील सिंह के चचेरे भाई नीरज सिंह और अन्य जमीन माफिया सर्वेश सिंह, मनीष गोप, मनीष यादव, मिथिलेश यादव, शंभू यादव और नाकट गोप को आरोपी बनाया गया था। नीरज की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के जज संदीप कुमार ने 11 अप्रैल 22 को तल्ख टिप्पणी की थी।
  • हाईकोर्ट ने डीएम और एसएसपी से पूछा था कि एफआईआर में जिन भू-माफियाओं का नाम है उन पर अब तक सीसीए क्यों नहीं लगाया। लेकिन, आज तक इस पर अमल नहीं हुआ।
  • कोर्ट के आदेश पर नीरज सिंह पर साक्ष्य छिपाने और कोर्ट को गुमराह करने के आरोप में कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। लेेकिन, आज तक उसकी गिरफ्तारी नहीं हुई है। इस केस में भू-माफिया सुनील सिंह को जमानत मिली। लेकिन, जमानत देते हुए कोर्ट ने कहा था कि पुलिस साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाई। पुलिस यह भी नहीं बता पाई कि घटना के दिन किसने गोली चलाई और किसको गोली लगी। सुनील को छोड़कर बाकी सभी आरोपी फरार हैं।
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अधिकतर केस में मुंशी, मजदूर या ठेकेदार पर कार्रवाई

जमीन माफिया, खरीददार और निर्माण का ठेका लेने वाले ठेकेदार की मिलीभगत से ही कोई घर बनता है। लेकिन मुंशी, मजदूर या फिर ठेकेदार की गिरफ्तारी हुई तो भी पुलिस जमीन माफिया का नाम नहीं निकलवा सकी।

एक तरफ चल रहा बुलडोजर, दूसरी तरफ अवैध निर्माण

हैरत की बात यह है कि एक तरफ दो दिनों तक अवैध निर्माण ध्वस्त किया गया। लेकिन इस अतिक्रमण हटाओ अभियान और बवाल के दौरान भी राजीवनगर में अवैध निर्माण जारी रहा।

“माननीय कोर्ट की टिप्पणी के अनुसार भू-माफियाओं पर सीसीए का प्रस्ताव भेजा गया है। रही बात एफआईआर में भू-माफियाओं के नाम आने की तो यह काम आवास बोर्ड के अधिकारियों का है। बोर्ड के अधिकारी जितनी बातें लिखकर देते हैं पुलिस उस पर एफआईआर कर देती है। एफआईआर कराना बोर्ड की जिवाबदेही है।”

-डॉ.मानवजीत सिंह ढिल्लो, एसएसपी, पटना

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