
कोलकाता. पश्चिम बंगाल में हर वर्ष दुर्गा पूजा बड़े उत्साहपूर्वक मनाई जाती है. उत्तरी बंगाल के जलपाईगुड़ी में हर साल की भांति इस बार भी दुर्गा पूजा समिति भाईचारे की मिसाल कायम करने जा रही है. दशकों से चली आ रही इस परंपरा के मुताबिक, समिति मुस्लिम परिवारों को पूजा में शामिल करती है. साथ ही पूजा से पहले गांव के तालाब में मछली पकड़ने की प्रतियोगिता का आयोजन करवाती है. वहीं दूसरी ओर मुस्लिम परिवार भी इस पूजा में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते है. यहां के लोग न केवल एक-दूसरे की धार्मिक मान्यताओं का सम्मान करते हैं बल्कि हिंदू और मुसलमानों द्वारा आयोजित सभी त्योहारों में भाग भी लेते हैं.
बालापारा गांव में 800 हिंदू और 200 मुस्लिम परिवार रहते हैं. इस बार समिति के संयुक्त सचिव बनाए गए फैजुल इस्लाम ने कहा, “हम भी हिंदुओं के तमाम त्योहारों में हिस्सा लेते है और हर तरह से सहयोग करते हैं. हम दुर्गा पूजा में नए कपड़े पहनकर और प्रसाद वितरण कर उत्सव मनाते हैं.” वहीं बालापारा स्थित मस्जिद के इमाम बाबुल मोहम्मद ने बताया, “हम भी त्योहारी माहौल का आनंद लेते है साथ ही हमें भी दुर्गा विसर्जन के बाद खाली पंडालों को देखकर अपने हिंदू भाइयों की तरह ही दुख होता है.” इमाम ने पूजा उत्सवों में शामिल होने को लेकर बताया कि, इस्लाम कभी यह नहीं कहता कि मुसलमान हिंदू त्योहारों में शामिल नहीं हो सकता. इस्लाम के हिसाब से सभी धर्म एक समान हैं.
भाईचारे की मिसाल पेश करते हुए इस गांव के लोगों के दिलों में आज भी प्यार जिंदा है. पूजा समिति के सदस्य प्रदीप तंत्र कहते है कि, दुर्गा पूजा पर मुस्लिम कर्मचारियों को बोनस नहीं मिलता है. हम मछली पकड़ने की प्रतियोगिता का आयोजन इसलिए करवाते हैं ताकि उनको इनाम के रूप में बोनस मिल सके. साथ ही वे प्रसाद वितरण में भी हमारे साथ जुड़ते हैं. उनका कहना है कि हमारा गांव भारत की समग्रता और एकता का एक जीता जागता उदाहरण है.
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Tags: Durga Pooja, West bengal
FIRST PUBLISHED : September 19, 2022, 18:04 IST
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