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हाइलाइट्स

पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी 10 दिनों के लिए ईडी हिरासत में.
ईडी ने पार्थ चटर्जी और अर्पिता को 23 जुलाई को गिरफ्तार किया था.
ईडी स्कूलों में भर्ती घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही है.

कोलकाता. कोलकाता की एक अदालत ने सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी मानी जा रही अर्पिता मुखर्जी को 10 दिनों की हिरासत में दे दिया. दोनों को स्कूल भर्ती घोटाले की ईडी की जांच के संबंध में गिरफ्तार किया गया है. ईडी ने चटर्जी की 14 दिनों की न्यायिक हिरासत मांगी थी. ईडी ने इस बात का जिक्र किया कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), भुवनेश्वर ने चटर्जी की जांच के बाद कहा है कि उन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं है.

मंत्री की जमानत याचिका खारिज करते हुए बैंकशाल कोर्ट में ईडी की विशेष अदालत के न्यायाधीश जीबोन कुमार साधू ने मंत्री तथा मुखर्जी को तीन अगस्त तक के लिए जांच एजेंसी की हिरासत में भेज दिया. अदालत ने रात करीब 11 बजे अपने आदेश में कहा कि 23 जुलाई को गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों को तीन अगस्त को फिर से अदालत में पेश किया जाए.

केंद्रीय एजेंसी स्कूल भर्ती घोटाले में कथित वित्तीय लेनदेन की जांच कर रही है. उसने अदालत से मुखर्जी को भी 13 दिनों के लिए हिरासत में सौंपने का अनुरोध किया था. ईडी ने अपनी दलील में कहा है कि चटर्जी बंगाल सरकार द्वारा संचालित एसएसकेएम अस्पताल में बीमारी का बहाना बना कर भर्ती हुए थे और शनिवार को मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट द्वारा उन्हें दो दिनों की रिमांड पर दिये जाने के दौरान केंद्रीय एजेंसी उनसे पूछताछ नहीं कर सकी.

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कलकत्ता उच्च न्यायालय ने रविवार को निर्देश दिया था कि चटर्जी को स्वास्थ्य जांच के लिए एयर एंबुलेंस से एम्स, भुवनेश्वर ले जाया जाए. अदालत को सौंपी गई एम्स, भुवनेश्वर की रिपोर्ट का हवाला देते हुए अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल एस वी राजू ने कहा कि चटर्जी का रक्त चाप, ऑक्सीजन का स्तर सही है और उन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं है.

दूसरी ओर, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि अगर कोई भी गलत काम करने का दोषी पाया जाता है, तो उसे सजा दी जानी चाहिए. उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) घोटाले में उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किए जाने के बाद यह बयान दिया है. उन्होंने कहा, ‘हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है. एक समयसीमा होनी चाहिए, जिसके भीतर सच और अदालत का फैसला सामने आना चाहिए. अगर कोई दोषी साबित होता है तो उसे सजा दी जानी चाहिए. पार्टी भी कार्रवाई करेगी. लेकिन, मैं अपने खिलाफ दुर्भावनापूर्ण अभियान की आलोचना करती हूं.’

Tags: Enforcement directorate, Kolkata, West bengal

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