
रिपोर्ट – सुष्मिता थापा
बागेश्वर. उत्तराखंड रोडवेज की बसों में मुफ्त सफर की सुविधा से परिवहन निगम का ‘तेल’ निकल रहा है. जी हां, राज्य में चलने वाली बसों में धनाढ्य यानी अमीर लोग भी सरकार की इस सुविधा का लाभ उठा रहे हैं. परिवहन विभाग की मानें तो कई रूटों पर मुफ्त यात्रियों को सफर कराने के नियम के कारण बसों का तेल खर्च भी निकालना मुश्किल हो जाता है. हालत यह है कि वरिष्ठ नागरिकों को मुफ्त यात्रा सुविधा की योजना का लाभ कई ऐसे नागरिक भी उठा रहे हैं, जो आर्थिक रूप से सक्षम हैं. वहीं, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के सभी यात्रियों को इसका लाभ नहीं मिल पाता है. इसलिए राज्य परिवहन विभाग रोडवेज बसों में मुफ्त सफर करने वालों पर नकेल कसने की योजना बना रहा है. राज्य के परिवहन मंत्री चंदनराम दास ने कहा है कि सरकार इस संबंध में विचार कर रही है.
दरअसल, राज्य में योजनाओं का गलत फायदा उठाने वालों के विरुद्ध सरकार सख्ती के मूड में आ गई है. पहले खादयान्न विभाग और अब परिवहन विभाग भी निगम की बसों में मुफ्त यात्रा के मानकों में कड़े फैसले लेने की तैयारी कर रहा है. अब बसों में मुफ्त यात्रा मात्र गरीब परिवारों के वरिष्ठ नागरिकों को ही मिलेगी. इसके लिए परिवहन मंत्री ने सचिव को प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए हैं.
ये भी पढ़ें – CM धामी के आगे कांग्रेस की टांय-टांय फिस, निर्मला गहतोड़ी की जमानत जब्त
राज्यहित में कड़े फैसले लेगी सरकार
अपनी नई पारी में मुख्यमंत्री का कार्यभार संभालने के बाद ही सीएम पुष्कर धामी ने कहा था कि जन व राज्य हित में सरकार कड़े फैसले लेने से नहीं चूकेगी. इसके बाद खादयान्न मंत्री रेखा आर्या ने राशन कार्डों के उपयोग पर अपात्र को ना, पात्र को हां योजना चलाई. इसके तहत प्रदेश में अपात्र लोग राशन कार्ड जमा कर रहे हैं. इसी तर्ज पर अब सरकार परिवहन विभाग में भी सख्त फैसले लेने की तैयारी कर रहा है.
गरीबों का ख्याल रखेगी सरकार
उत्तराखंड के परिवहन मंत्री चंदन राम दास इस फैसले को लेने के लिए गंभीर हैं. उनका कहना है कि राज्य हित में सख्त फैसले लेने होंगे. गरीबों के हितों का ख्याल रखा जाएगा. मंत्री ने कहा कि कई धनाढ्य लोग भी वरिष्ठ नागरिक का लाभ लेकर रोडवेज डिपो में सफर कर रहे हैं. इससे परिवहन विभाग को नुकसान हो रहा है. उन्होंने कहा कि विभाग की मंशा है कि परिवहन निगम को लाभ में लाया जाए, ताकि कर्मचारी व चालकों आदि को भी लाभ हो और सरकार को राजस्व मिले.
ये भी पढ़ें – एक स्कूल जहां कोई स्टूडेंट नहीं, 9 साल में पांचवी बार खुला तो बाहर लगी रही लाइन!
वरिष्ठ नागरिकों की संख्या होती है ज्यादा
रोडवेज की बसों में देखा जाता है कि इनमें वरिष्ठ नागरिकों की संख्या सबसे ज्यादा होती है. जबकि केमू व टैक्सी में पैसे देकर यात्रा करते देखे जाते हैं, जिससे कई रूटों पर परिवहन निगम की बसों के लिए तेल का खर्च निकालना तक मुश्किल हो रहा है. इस संबंध में प्रदेश के परिवहन मंत्री चंदन राम दास ने कहा कि जिसकी आय पर्याप्त है उसे खुद ही मुफ्त बस यात्रा की सुविधा राज्य हित में नहीं लेना चाहिए. मेरी अपील है कि ऐसे लोग टिकट देकर ही यात्रा करें. सरकार भी इस बारे में ठोस निर्णय लेने पर विचार कर रही है. गरीबों के हितों का पूरा ख्याल रखा जाएगा, ताकि राज्य का विकास हो सके.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
FIRST PUBLISHED : June 03, 2022, 16:02 IST
Article Credite: Original Source(, All rights reserve)