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पटना. बेगूसराय के मटिहानी से संभो इलाके को जोड़ने के लिए भारत सरकार गंगा नदी पर एक और पुल बनाने की दिशा में काम कर रही है. गंगा नदी पर बनने वाले इस महत्वपूर्ण पुल प्रोजेक्ट को केंद्र ने मंजूरी दे दी है. इस पुल के बनने से उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच का सफर का समय कम होगा. इसके साथ ही ओडिशा और झारखंड की ओर जाने वाले वाहनों का भी समय बचेगा. यही नहीं, अभी इस इलाके के लोगों को मोकामा पुल के रास्ते पटना या अन्य इलाकों तक पहुंचने में जहां लगभग 4 घंटे का समय लगता है, इस पुल के बनने के बाद यह दूरी महज 30 मिनट की रह जाएगी.

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानी NHAI बेगूसराय में गंगा नदी पर यह पुल बनाने जा रहा है. बिहार से पड़ोसी राज्यों को जोड़ने के साथ-साथ यह पुल नेपाल से तीनों प्रदेशों (बिहार-झारखंड और ओडिशा) की दूरी 70 किलोमीटर कम कर देगा. इस पुल से पटना-मोकामा NH-31 और बेगूसराय-पूर्णिया NH-80 भी जुड़ेगा, जिससे दोनों तरफ की लाखों की आबादी को सीधा लाभ होगा. वहीं यह पुल बेगूसराय और बरौनी में स्थित 13 औद्योगिक इकाइयों की सुरक्षा के लिहाज से भी महत्वपूर्ण होगा. किसी भी औद्योगिक आपदा के समय एनडीआरएफ की टीमें इस पुल के रास्ते से आसानी से पहुंच सकेंगी.

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पुल निर्माण के लिए NHAI ने बदला नियम

मटिहानी-संभो में बनने वाले इस पुल के बारे में केंद्रीय परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा को जानकारी दी है. गडकरी ने 15 अक्टूबर को इस बाबत लिखे पत्र में सिन्हा को बताया है कि राजमार्ग मंत्रालय ने मटिहानी-संभो पुल के निर्माण को मंजूरी दे दी है. इस पत्र में गडकरी ने यह भी बताया है कि NHAI ने पुल-निर्माण से जुड़े एक नियम को शिथिल करते हुए मटिहानी-संभो गंगा सेतु के निर्माण को मंजूरी दी है. दरअसल, नियम के अनुसार यदि किसी नदी के दोनों तरफ के दायरे में 50 किलोमीटर के भीतर एक पुल है, तो दूसरा नया पुल नहीं बन सकता. बेगूसराय के इस इलाके में गंगा नदी पर मोकामा में राजेंद्र सेतु है, इसलिए मटिहानी पुल का बनना आसान नहीं था. लेकिन तीन राज्यों और नेपाल के बीच लगभग 70 किमी की दूरी को छोटा करना, ग्रामीण अर्थव्यवस्था का ख्याल और दो राष्ट्रीय राजमार्गों के बीच यातायात भार को कम करने के मकसद से मंत्रालय ने मटिहानी पुल के निर्माण को मंजूरी दे दी.

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ढाई किलोमीटर लंबा होगा नया गंगा ब्रिज

मटिहानी-संभो इलाके में बनने वाला नया पुल लगभग 2.5 किलोमीटर लंबा होगा. इसकी फिजिबिलिटी रिपोर्ट को NHAI ने मंजूरी दे दी है. राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा कि केंद्र सरकार लगातार किसानों और ग्रामीण इलाकों तक बाजार की पहुंच को आसान बनाने की दिशा में काम कर रही है. इस नए गंगा ब्रिज के निर्माण का मूल उद्देश्य यही है. मटिहानी-संभो पुल से बेगूसराय और बरौनी की इंडस्ट्री को नया बाजार मिलेगा, साथ ही व्यापार के लिए तीन राज्यों में आने-जाने वाले वाहनों का ईंधन, समय और ऊर्जा की बचत होगी. इसके अलावा बेगूसराय और मुंगेर, लखीसराय, भागलपुर और पटना के बीच की दूरी भी कम होगी. अभी मोकामा पुल के रास्ते इस दूरी को पूरा करने में घंटों लग जाते हैं, नया सेतु कम से कम 40-50 किमी का सफर कम कर देगा.

4 घंटे का सफर 30 मिनट का रह जाएगा

बेगूसराय निवासी सांसद राकेश सिन्हा ने कहा कि वे पिछले तीन साल से इस मामले को लेकर लगातार आवाज उठा रहे थे. अब जाकर केंद्र सरकार ने इसे मंजूरी दी है. उन्होंने बताया कि संभो और मटिहानी इलाके में रहने वाले दो लाख से अधिक लोगों को इस पुल से सीधा लाभ मिलेगा. अभी इन लोगों को मोकामा पुल के रास्ते मुंगेर और भागलपुर पहुंचने में लगभग 4 घंटे का समय लगता है. नए पुल के बनने के बाद यह दूरी महज 30 मिनट की रह जाएगी. दक्षिण बिहार से आने वाले वाहनों को पुराने मोकामा पुल से जाने की जरूरत नहीं होगी.

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Tags: Bihar News, Ganga river bridge, NHAI

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