गोलू शुक्ला। बेतिया4 घंटे पहले
बेतिया में इस बार शहर के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में भी पूजा पंडाल बनाए गए हैं। पंडाल की थीम भी पिछली बार से हटकर है। कोरोना काल के बाद इस साल पूजा समिति द्वारा पूजा-पंडाल की विशेष तैयारी की गई है। बेतिया शहर के 5 स्थान पर भव्य और आकर्षण पूजा पंडाल बनाए गए हैं।
यहां भव्य तरीके से कोलकाता और बिहार के कारीगरों द्वारा माता की प्रतिमा बनाई गई है। चलंत प्रतिमा और बिजली बल्ब की साज-सज्जा लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। आज हम आपको 5 पूजा पंडाल, साज-सज्जा और देवी की प्रतिमा की जानकारी दे रहे हैं…

2.50 लाख की लागत से मां अम्बे की प्रतिमा का निर्माण किया गया है।
10 लाख रुपए की लागत से पंडाल और प्रतिमा
बेतिया शहर के बीचों-बीच स्थित पावर हाउस चौक पर विकास और कल्याण समिति नवयुवक संघ द्वारा इस बार विशेष आयोजन किया गया है। पूजा समिति के अध्यक्ष हरेंद्र प्रसाद ने बताया कि 10 लाख रुपए की लागत से इस बार पूजा पंडाल और देवी की चलंत प्रतिमा का निर्माण किया गया है। श्रद्धालु यहां देवी के चलंत प्रतिमा का दर्शन कर रहे हैं। इसमें 2.50 लाख की लागत से मां अम्बे की प्रतिमा का निर्माण किया गया है। इस बार यहां मां अम्बे (बादलों की गड़गड़ाहट और बिजली की चमक, शेर की दहाड़ के बीच मां दानव का संहार करती नजर आ रही है। भक्त यह दृश्य देखकर रोमांचित हो रहे हैं।

8 लाख रुपए की लागत से बनारस के विश्वनाथ मंदिर के स्वरूप का पंडाल बनाया गया है।
विश्वनाथ मंदिर के स्वरूप बनाए गए पंडाल में विराजमान है मां
बेतिया शहर के उत्तर दिशा स्थित बानुछापर में 8 लाख रुपए की लागत से बनारस के विश्वनाथ मंदिर के स्वरूप बनाए गए पूजा पंडाल में विराजमान है मां। यहां हर साल दुर्गा पूजा में हजारों की संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ती है। इस साल भी हजारों की संख्या में भक्त मां के दर्शन करने पहुंच रहे हैं। पिछले दो सालों से कोरोना काल के कारण भव्य तरीके से यहां पूजा-पाठ नहीं हो पा रहा था। इस बार पूजा समिति द्वारा पंडाल और प्रतिमा को आकर्षक रूप दिया गया है।

7 लाख रुपए की लागत से इस बार गुफा पंडाल का निर्माण किया गया है।
गुफा स्वरूप पंडाल में स्थापित की गई मां दुर्गा की प्रतिमा
बेतिया शहर के बंगाली कॉलोनी में इस बार बनाए गए गुफा पंडाल में मां दुर्गा विराजमान है। यहां का पूजा इस वर्ष आकर्षक का केंद्र बना हुआ है। कोलकाता के कारीगरों द्वारा यहां 7 लाख रुपए की लागत से इस बार गुफा पंडाल का निर्माण किया गया है। यहां कोलकाता के प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा पंडाल का निर्माण किया गया है। बता दें कि यहां विगत 50 वर्षों से चले आ रहे पूजन कार्य में इस वर्ष विशेष तैयारी की गई है। पंडाल में लाइटिंग का काम भी कोलकाता के कारीगरों द्वारा किया गया है।

12 लाख की लागत से पूजा पंडाल का निर्माण कराया गया है।
कोतवाली चौक पर 12 लाख की लागत से पंडाल का हुआ निर्माण
बेतिया में सबसे बड़े और विशालकाय पंडाल का निर्माण शहर के कोतवाली चौक हुआ है। वहां इस बार नव दुर्गा पूजा समिति द्वारा 12 लाख की लागत से पूजा पंडाल का निर्माण कराया गया है। यहां भी कोलकाता के कारीगरों द्वारा भव्य पंडाल का निर्माण किया गया है। यहां कारीगरों ने प्लाई, प्लास्टिक, लकड़ी, थर्माकोल और कपड़े का इस्तेमाल कर पंडाल का निर्माण किया गया। पूजा समिति के अध्यक्ष मनीष कुमार ने बताया कि इस वर्ष यहां भव्य पूजा पंडाल का निर्माण किया गया है। यहां मूविंग सिस्टम में मां अंबे की प्रतिमा भी बनाई गई है। मां काली द्वारा दानवों का संहार करने का दृश्य भक्तों को देखने को मिल रहा है।

50 सालों से गांधी मैदान में होता है मां अंबे की पूजा
बेतिया के गांधी मैदान में भी इस साल भव्य पूजा पंडाल का निर्माण किया गया है। यहां बिहार के समस्तीपुर के कारीगरों ने पंडाल का निर्माण किया है। यहां भी मूविंग सिस्टम मां अंबे की प्रतिमा बनाई गई है। जो देखने में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। यहां भी हजारों की संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। पिछले 2 सालों से कोरोना काल की वजह से यहां भी पूजा पंडाल नहीं बन पा रहा था। हालांकि इस बार पूजा समिति द्वारा भव्य पूजा पंडाल का निर्माण कराया गया है।
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