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हाइलाइट्स

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होंगी सोनिया गांधी
साल 2004 में जनसंपर्क अभियान चलाकर विपक्ष से छीनी थी सत्ता
सोनिया के इस कदम से क्या उनके ‘गढ़’ में और मजबूत होगी पार्टी

नई दिल्ली. राहुल गांधी की भारत-जोड़ो यात्रा में गुरुवार को सोनिया गांधी भी शामिल होंगी. हालांकि, वह थोड़ी ही देर के लिए इसमें पद यात्रा करेंगी. कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी राजनीति की कोई कच्ची खिलाड़ी नहीं. उन्होंने साल 2004 में उस वक्त बड़ा दांव खेला था, जब अजेय नजर आ रहे प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली शक्तिशाली बीजेपी को हराना मुश्किल लग रहा था. उस दौर में सोनिया गांधी ने अपनी सास और राजनीतिक गुरु पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की तरह सड़कों पर उतरने का फैसला किया.

उस दौर में सोनिया गांधी ने ‘जनसंपर्क अभियान’ की शुरुआत की. खासकर, उत्तर प्रदेश में. इस अभियान के दौरान कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांव-गांव घूमीं. कई जगह यूं ही रुक गईं और महिलाओं-बच्चों के साथ फोटो लिए. उनके इस अभियान ने कमाल कर दिया. उसने न केवल बीजेपी के नेतृत्व वाली नेशनल डेमाक्रेटिक अलायंस (NDA) को उखाड़ फेंका, बल्कि, उत्तर प्रदेश से कांग्रेस को लोकसभा की 21 सीटें दीं.

सोनिया इस जगह शामिल होंगी यात्रा में
ठीक आठ साल बाद, राहुल गांधी ने मां की तरह देशभर में जनसंपर्क यात्रा ‘भारत जोड़ो’ निकाली है. इस यात्रा में सोनिया गांधी भी शामिल होंगी. कर्नाटक के मांड्या शहर में कुछ घंटों के लिए भारत जोड़ा यात्रा के साथ चलेंगी. उन्होंने इस इलाके को जानबूझकर चुना है. क्योंकि, यह इलाका उन्हें बड़ी संख्या में वोट दे सकता है और यहां की जनता का उन्हें ठीक-ठाक समर्थन भी है.

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कांग्रेस की ढाल है दक्षिण भारत
बता दें, कर्नाटक और सोनिया गांधी का गहरा संबंध है. दरअसल, जब-जब गांधी परिवार पर राजनीतिक संकट आया है, तब-तब दक्षिण भारत ने उसे मुश्किल से उबारा है. दिवंगत इंदिरा गांधी भी दक्षिण भारत की सीटों लोकसभा सीटों से चुनाव लड़ चुकी थीं. वह साल 1980 में कर्नाटक के चिकमंगलूर और आंध्रप्रदेश के मेंडक से चुनाव लड़ी थीं.  इंदिरा गांधी चिकमंगलूर से इसलिए चुनाव लड़ी थीं, क्योंकि उन्हें एक सुरक्षित लोकसभा की सीट की दरकार थी. क्योंकि, इमरजेंसी के बाद साल 1977 में कांग्रेस करीब-करीब सबकुछ गंवा बैठी थी. उस दौर में एक प्रसिद्ध नारा प्रचलित हुआ, ‘एक शेरनी, सौ लंगूर, चिकमंगलूर, चिकमंगलूर.’ इस चुनाव में इंदिरा गांधी जीत गईं. साल 1980 में भी उन्हें सुरक्षित सीट चाहिए थी. इसलिए उन्होंने आंध्रप्रदेश के मेंडक और यूपी के राय बरेली से नामांकन दाखिल किया. बाद में उन्होंने राय बरेली की सीट छोड़ दी.

कांग्रेस के दक्षिण भारत प्रेम की यह है वजह
बता दें, सोनिया गांधी ने भी कर्नाटर के बेल्लारी और यूपी के अमेठी से चुनाव लड़ा था. उन्हें डर था कि अमेठी से बीजेपी कांग्रेस का गढ़ उखाड़ सकती है. सोनिया ने बेल्लारी से नामांकन दाखिल करने में गोपनीयता बरतने की कोशिश की, लेकिन इसका पता बीजेपी को चल गया था. बीजेपी ने सोनिया गांधी के खिलाफ दिग्गज दिवंगत नेता सुष्मा स्वराज को खड़ा कर दिया. लेकिन, स्वराज चुनाव हार गईं. इसके बाद जब पार्टी के सूत्रों ने संकेत दिए कि राहुल अमेठी से चुनाव हार जाएंगे, तो उन्हें केरल के वायनाड से चुनाव लड़ाया गया. उसके बाद से कांग्रेस का फोकस दक्षिण भारत की तरफ हो गया.

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Tags: Bharat Jodo Yatra, Rahul gandhi, Sonia Gandhi

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