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हाइलाइट्स

विमान एमएच-17 एक अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ान के तहत 17 जुलाई 2014 को एम्सटर्डम से कुआलालंपुर जा रहा था
इसे पूर्वी यूक्रेन के ऊपर मार गिराया गया था जिसमें सवार सभी 298 लोगों की मौत हो गयी थी
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर लड़ाकों मिसाइलों की आपूर्ति करने का लगा आरोप

कैनबेरा. मलेशियाई एयरलाइंस के विमान एमएच-17 की दुर्घटना की जांच के दौरान इस बात के ‘मजबूत संकेत’ मिले हैं कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने उन मिसाइलों की आपूर्ति को मंजूरी दी थी, जिनका इस्तेमाल अलगाववादियों द्वारा विमान को मार गिराने के लिए किया गया था. द कन्वरसेशन में छपे न्यूकैसल विश्वविद्यालय के मानवाधिकार और अंतरराष्ट्रीय कानून विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर एमी मगुइरे के एक लेख के मुताबिक विमान हादसे की जांच का नेतृत्व कर रहे संयुक्त जांच दल ने कहा कि इस मामले में रूस की ओर से सहयोग करने से इनकार करने के कारण जांच समाप्त होने के करीब है. इस समय, यह दल आगे अभियोग शुरू नहीं करेगा.

एमएच-17 विमान दुर्घटना की जांच में अब तक क्या पता चला

मलेशिया एयरलाइंस का विमान एमएच-17 एक अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ान के तहत 17 जुलाई 2014 को एम्सटर्डम से कुआलालंपुर जा रहा था, तभी इसे पूर्वी यूक्रेन (Ukraine) के ऊपर मार गिराया गया था. विमान में सवार सभी 298 लोगों की मौत हो गयी थी. इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को झकझोर कर रख दिया था. इसने कानूनी जिम्मेदारी के कई सवाल खड़े कर दिए थे, जिनके जवाब आज भी तलाशे जा रहे हैं. इस विमान हादसे की जांच के लिए सबसे पहले एक संयुक्त जांच दल का गठन किया गया, जिसमें इस त्रासदी से सबसे अधिक प्रभावित पांच देशों – नीदरलैंड, यूक्रेन, मलेशिया, ऑस्ट्रेलिया और बेल्जियम के जांचकर्ता और अभियोजक शामिल हुए. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UN Security Council) के अनुसार जांच दल की भूमिका विमान हादसे की पूर्ण, गहन और स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय स्तर की जांच करना है. संयुक्त जांच दल का काम बेहद जटिल और लंबा था, विशेष रूप से दुर्घटना स्थल संघर्ष वाले क्षेत्र में स्थित था. वर्ष 2015 के मध्य में जांचकर्ताओं ने यूक्रेन में हादसे की जगह पर उचित रूप से पहुंच प्राप्त की.

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उन्होंने बाद में 200 गवाहों से पूछताछ की और 3,500 बातचीत को इंटरसेप्ट कर उसका विश्लेषण किया. जांच दल ने 20 हथियार प्रणालियों का भी अध्ययन किया और पांच अरब इंटरनेट पेजों की छानबीन की. विभिन्न अंतरराष्ट्रीय स्थलों से जमीन के नमूने लिए गए और जांच का नेतृत्व करने वाले पांच देशों में मिसाइल प्रक्षेपण स्थलों का अनुकरण किया गया. विमान के मलबे के हजारों हिस्सों की जांच की गई. जांच के दौरान मुख्य प्रारंभिक खोज यह थी कि विमान को रूस समर्थक अलगाववादियों द्वारा नियंत्रित यूक्रेन के एक क्षेत्र में खेत पर स्थित ‘बुक-तेलार’ प्रणाली द्वारा प्रक्षेपित मिसाइल (Missile launched by ‘Buk-Telar’ system) द्वारा मार गिराया गया था. जांचकर्ताओं ने निर्धारित किया कि हमले से पहले मिसाइल और लॉन्चर को रूस से ले जाया गया था और बाद में उसे वहां वापस ले जाया गया.

विमान हादसे की जांच कर रहे संयुक्त दल के काम का एक महत्वपूर्ण परिणाम नीदरलैंड में चार अलगाववादी लड़ाकों पर मुकदमा चलाना था. उनमें से तीन- इगोर गिरकिन, सर्गेई डबिन्सकी और लियोनिद खारचेंको को पिछले साल दोषी पाया गया था. इन लोगों ने रूस में मिसाइल लॉन्चर के परिवहन, स्थिति और उसे वापस लौटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. इन तीनों लोगों को आजीवन कारावास की सजा मिली है और पीड़ितों के परिवारों को मुआवजे के रूप में 1.60 करोड़ यूरो से अधिक का भुगतान करने का आदेश दिया गया. लेकिन, चूंकि उनकी अनुपस्थिति में मुकदमा चलाया गया था, इसलिए इस बात की बहुत कम संभावना है कि उनमें से किसी को वास्तविक दंड का सामना करना पड़ेगा.

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विमान हादसे में पुतिन की अहम भूमिका
विमान हादसे की जांच कर रहे संयुक्त दल की इस सप्ताह जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि मिसाइल लॉन्चर के लिए जिम्मेदार चालक दल के सदस्यों का पता चला है और उन्हें ऊपर से निर्देश दिए गए थे. जांचकर्ताओं ने विमान को मार गिराए जाने से पहले निर्णय लेने के बारे में काफी जानकारी का खुलासा किया, लेकिन सुबूत संदिग्धों पर आगे का मुकदमा चलाने के लिए अपर्याप्त हैं. इस मामले में प्रमुख समस्या सूचना तक पहुंच है. रूस ने जिम्मेदारी स्वीकार करने से लगातार इनकार किया है और जांचकर्ताओं को रूसी नागरिकों से सुबूत इकट्ठा करने से रोका गया है. रूस पर झूठे सबूत देने का भी आरोप है.

जांचकर्ताओं का मानना है कि लॉन्चर का चालक दल कुर्स्क में स्थित रूसी सेना की 53वीं ब्रिगेड के सदस्य थे. ऐसा लगता है कि चालक दल के वे सदस्य, यदि वे पूछताछ के लिए उपलब्ध होते, तो बता सकते थे कि यूक्रेन में उनका कार्य क्या था और एमएच-17 को क्यों मार गिराया गया था. जांच दल को यह भी सबूत मिले हैं कि अलगाववादी रूसी खुफिया विभाग और राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन के संपर्क में थे. हालांकि, इस हादसे में पुतिन की संभावित भूमिका है जो सबसे अधिक ध्यान आकर्षित कर रही है. जांचकर्ताओं के अनुसार इस बात के ‘मजबूत संकेत’ हैं कि पुतिन ने अलगाववादियों को बुक-तेलार लॉन्चर की आपूर्ति करने का फैसला किया था. इंटरसेप्टेड फोन कॉल्स से पता चला है कि पुतिन एकमात्र व्यक्ति हैं जिनके पास अलगाववादियों को बुक-तेलार लॉन्चर जैसी भारी वायु रक्षा प्रणालियों के प्रावधान को मंजूरी देने का अधिकार है.

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Tags: Australia, Plane Crash, Russia, Ukraine, USA

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