
नई दिल्ली. शिवसेना पर अधिकार जमाने को लेकर और पार्टी के बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने वाली याचिका पर एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. वैसे ये सुनवाई 1 अगस्त को होने वाली थी लेकिन टल गई थी. चीफ जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस कृष्ण मुरारी और हिमा कोहली की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है. सभी पक्षों ने अपने संवैधानिक सवाल कोर्ट में सौंप दिया है. उद्धव ठाकरे गुट की तरफ से पक्ष रख रहे कपिल सिब्बल के बाद अब सिंघवी ने बहस की शुरुवात की. इस दौरान अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि शिंदे ग्रुप न सिर्फ महाराष्ट्र में अवैध तरीके से सरकार चला रहे हैं बल्कि वो चुनाव आयोग तक पहुंच गए ये कहते हुए की वो असली शिवसेना हैं.
सिंघवी ने कहा कि अभी मामला कोर्ट में लंबित है और शिंदे ग्रुप ने चुनाव आयोग में याचिका दाखिल की जो पूरी तरह से गलत है. अपने गलत कामों को सही ठहराने का एक ही तरीका है कि आप चुनाव आयोग की कार्यवाही को तेजी से ट्रैक करें और कुछ मान्यता प्राप्त कर लें. अभिषेक मुन सिंघवी के बाद एक नाथ शिंदे गुट की तरफ से हरीश साल्वे ने बहस की शुरुवात की. हरीश साल्वे ने कहा कि दल बदल कानून इस मामले में लागू नही होता. ये तब होगा जब वो पार्टी से अलग होते है. इस मामले में ऐसा नही हुआ है. आज की तारीख में एक राजनीतिक दल में बंटवारा है. ये पार्टी की आंतरिक कलह है.
हरीश साल्वे ने कहा कि यहां इंट्रा पार्टी डिफरेंस है यानी पार्टी के भीतर का मतभेद है. कई विधायक नेतृत्व में बदलाव चाहते हैं तो इसे पार्टी विरोधी नहीं कहा जाएगा. ये अंदरूनी मतभेद है. इसके अलावा हरीश साल्वे ने पक्ष रखते हुए कहा कि हम पार्टी में हैं, हम किसी दूसरी पार्टी में नहीं हैं. हमनें केवल नेतृत्व के खिलाफ आवाज उठाई है. हमने बस कहा की आप नेता नहीं हो सकते. दो शिवसेना नहीं बल्कि दो अलग-अलग गुट है यहां पर, जिसके दो अलग-अलग नेता हैं.
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Tags: Eknath Shinde, Maharashtra, Uddhav thackeray
FIRST PUBLISHED : August 03, 2022, 12:33 IST
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