
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. अध्यक्ष पद खाली था. कांग्रेस के सीनियर लीडर राधाकृष्ण विखे पाटिल नेता प्रतिपक्ष होने की वजह से अध्यक्ष पद की रेस में सबसे आगे होते लेकिन वो बीजेपी में चले गए. ऐसे में दौड़ में पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चौहान, नितिन राउत और नाना पटोले का नाम चल रहा था. लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने सुर्खियों से दूर रहने वाले लो-प्रोफाइल नेता बाला साहब थोराट को चुनकर सबको चौंका दिया.बाला साहब थोराट को महाराष्ट्र में कांग्रेस को पुनर्जीवित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई और उन्हें महाराष्ट्र में संकट के दौर से गुज़रती कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया.
साफसुथरी छवि वाले बालासाहब थोराट को कांग्रेस का पुराना विश्वासपात्र और गांधी परिवार का करीबी माना जाता है. वो महाराष्ट्र में विलासराव देशमुख, सुशील कुमार शिंदे, अशोक चव्हाण और पृथ्वीराज चव्हाण में मंत्री रह चुके हैं. इस दौरान उन्होंने कृषि, शिक्षा और राजस्व जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय संभाले हैं.
बालासाहब भाऊसाहेब थोराट का जन्म 7 फरवरी 1953 को हुआ. महाराष्ट्र में किसानों के अधिकारों को आंदोलन की शक्ल देने वाल बाला साहब थोराट एक तेज़-तर्रार कांग्रेसी नेता हैं.
संगमनेर सीट से बालासाहब थोराट ने 1985 से लेकर अबतक कोई चुनाव नहीं हारा है. 1985 में बालासाहब थोराट निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव में खड़े हुए थे और विजयी हुए थे. उसके बाद 1990,1995,1999,2004,2009 और 2014 के विधानसभा चुनाव में वो कांग्रेस के टिकट पर लगातार जीतते रहे. कांग्रेस के टिकट पर लगातार 6 बार विधायक रहकर बालासाहब थोराट ने अपनी योग्यता और कर्मठता को साबित किया है. यही वजह रही कि पार्टी आलाकमान को बालासाहब थोराट में राज्य कांग्रेस का भविष्य सुरक्षित दिखा.
बालासाहब थोराट को दुग्ध सहकारी आंदोलन में उनके योगदान से पहचान मिली. उन्होंने सहकारिता आंदोलन की नींव रखी और दुग्ध सहकारिता के संस्थापक माने जाते हैं. दुग्ध सहकारिता की वजह से दुग्ध उत्पादक किसानों को फायदा पहुंचा.
मराठवाड़ा यूनिवर्सिटी का नाम डॉ भीम राव आंबेडकर के नाम पर रखने के आंदोलन में भी भाग लिया. 6 साल से लेकर 14 साल तक के बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा करने का कदम उठाया.
पेशे से वकील रहे बालासाहब थोराट ने सूखाग्रस्त अहमदनगर में जल आंदोलन छेड़ा. उन्होंने जल संरक्षण पर भी जोर दिया. मराठवाड़ा और विदर्भ के लिए विशेष सिंचाई मिशन शुरू किए.
बालासाहब थोराट संगमनेर के स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष रहे. अपने क्षेत्र में उन्होंने सहकारी शिक्षण संस्थान का निर्माण कराया.
बाला साहब थोराट ने राज्य सरकार के कई मंत्रालय संभाले. महाराष्ट्र सरकार में वो कृषि और राजस्व मंत्री भी रहे. बतौर कृषि मंत्री उन्होंने राज्य में किसानों की जरूरतों के लिए तमाम योजनाओं की शुरुआत की. उन्होंने महाराष्ट्र में किसानों के उत्थान के लिए कृषि विश्वविद्यालयों को जरिया बनाया और तमाम कृषि योजनाओं को किसानों के घर-घर पहुंचाने का काम किया. खेती की मिट्टी की जांच से लेकर किसानी के आधुनिक और वैज्ञानिक तरीकों पर ज़ोर दिया. साथ ही कृषि सूचनाओं की ऑनलाइन उपलब्धता कराई तो किसानों को कृषि कार्ड का वितरण भी कराया. उनके कार्यकाल में महाराष्ट्र में ऐतिहासिक कृषि उत्पादन का दावा किया जाता है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
Tags: Maharashtra asembly election 2019, Maharashtra Assembly Election 2019
FIRST PUBLISHED : October 19, 2019, 12:55 IST
Article Credite: Original Source(, All rights reserve)