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हाइलाइट्स

जाति-धर्म, हिंदू-मुस्लिम से आगे होता है मानव धर्म.
राजस्थान के बाड़मेर से सामने आया अनूठा उदाहरण.
नगर पार्षद ने सांप्रदायिक सौहार्द्र की मिसाल पेश की.

बाड़मेर. धर्म और जाति के नाम पर जो भी लोग देश को बांटने में की कोशिश में लगे हैं उनको जवाब देनेवाले भी कम नहीं हैं. सीमावर्ती बाड़मेर जिले के नगर परिषद के मुस्लिम पार्षद ने मानवता का परिचय देते हुए हिंदू विधवा महिला को अपनी जेब से नगर पालिका में पट्टे की राशि भरकर पट्टा दिलवाया. ऐसा सिर्फ इसलिए किया कि बिना पति के महिला अपने मासूम बच्चों को पढ़ा सकें और उनके स्कूल न छूटे.

पूरा मामला कुछ यूं है. बाड़मेर नगर परिषद के इंदिरा कॉलोनी की निवासी सेजू कंवर के पति सवाई सिंह की कैंसर से मौत हो गई थी. घर में कमानेवाला कोई नहीं बचा. जो भी जमा पूंजी थी वह इलाज में खर्च हो गया था. ऐसे में सेजू कंवर को अपनी रोजी-रोटी और छोटे छोटे बच्चों को पालने के लिए अपना मकान बेचने की अलावा कोई रास्ता नहीं दिख रहा था.

इसके बाद सेजू कंवर ने अपने वार्ड के पार्षद सिकंदर खिलजी से संपर्क किया और उन्हें अपनी व्यथा बताई. सिकंदर ने उनको आश्वासन दिया कि आपको मकान बेचने की आवश्यकता नहीं है, आपके मकान का पट्टा मैं बना कर देता हूं. आप इसपर लोन लेकर अपने बच्चों को भी पढ़ा सकती हैं और अपना कर्जा भी चुका सकती हैं. महिला ने जैसे ही यह बात सुनी तो महिला की आंखें भर आईं. आज जब यह सपना साकार हुआ तो अब सेजू कंवर सिकंदर का गुणगान करते हुए कहती हैं कि उनका भी भगवान भला करें.

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पार्षद सिकंदर खिलजी का कहना है कि सबसे बड़ा धर्म मानवता का होता है, इसलिए मैंने मानवता को देखते हुए एक जरूरतमंद की मदद की है. मेरी नजर में सबसे बड़ा धर्म ही मानवता है. मुझे इनके परिवार की माली हालत के बारे में जानकारी थी और अगर पट्टा नहीं बनता तो इनके बच्चे नहीं पढ़ पाते. इसलिए मैंने मानवता धर्म को प्राथमिकता देते हुए मेरे जेब से नगर परिषद में पट्टे की राशि भरकर इन्हे पट्टा दिलाया है. मैं कहना चाहता हूं कि देश में जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए न की सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का काम.

नगर परिषद आयुक्त योगेश आचार्य का कहना है कि यह हमारे लिए बहुत गर्व की बात है कि हमारे पार्षद सांप्रदायिक सौहार्द का उदाहरण पेश करते हुए ऐसे नेक कार्य और जरूरतमंद की मदद कर रहे हैं. सिकंदर खिलजी कभी भी मानवता के काम में पीछे नहीं रहते हैं और यह कभी काम करके गिनाने का काम भी नहीं करते हैं. बाड़मेर के पार्षद सिकंदर खिलजी ने समाज के लिए बेहतरीन उदाहरण पेश किया है.

Tags: Barmer news, Communalism, Rajasthan news

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