
नई दिल्लीः कांग्रेस ने रेवड़ी कल्चर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से उठाए गए सवालों पर निशाना साधा है. उसने कहा है कि देश की सरकार को मुफ्त की रेवड़ियां तो दिखती हैं, लेकिन जो गजक बंट रही है वह नहीं दिखाई देता है. कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा है कि रेवड़ी गुड़़ की चाशनी, तिल और घी के मिश्रण से बनती है और एक गजक से सैकड़ों रेवड़ियां बन जाती हैं. उन्होंने पूछा कि मुफ्त की रेवड़ियां खराब हैं तो मुफ्त की गजक कैसे अच्छी हो गई?
कांग्रेस ने पूछा की फूड सिक्योरिटी एक्ट 2013 के तहत कोरोना काल में लोगों को राशन दिया जाना और मनरेगा रेवड़ी कल्चर पर सवाल उठ रहा है.लेकिन 10 लाख करोड़ बट्टे खाते में डालने का फैसला और 2019 में कॉरपोरेट टैक्स कम करने के गजक कल्चर पर चर्चा कब होगी?
रेवड़ी कल्चर पर केंद्र सरकार से कांग्रेस ने 5 सवाल किए…
पहलाः पब्लिक सेक्टर बैंक की तरफ से फिर पिछले 5 साल में दी गई 5 लाख 80 हजार करोड़ की फ्रीबीज पर चर्चा कब होगी?
दूसराः खाद्य सुरक्षा एक्ट, किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य, मनरेगा जैसी योजनाओं पर अगर चर्चा हो रही है तो कॉरपोरेट टैक्स में कमी की वजह से 1.45 लाख करोड़ के सरकारी नुकसान की चर्चा कब होगी?
तीसराः क्या गरीबों को दी जानेवाली छोटी मदद रेवड़ी है और टैक्स कम करके अमीर मित्रों को दी जानेवाली मदद आवश्यक प्रोत्साहन है?
चौथाः कैसे और कब झूठ की गठरी कल्चर का अंत होगा?
पांचवांः क्या पीएम भ्रामक कल्चर का इस्तेमाल करके साल 2022 के वादों के लिए नई डेडलाइन देंगे?
पीएम ने रेवड़ी कल्चर पर क्या कहा था?
हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी ने देश में मुफ्त चीजें बांटने वाली स्कीमों को गलत बताया था. हरियाणा के पानीपत में एथेनॉल प्लांट के उद्घाटन के मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा था कि रेवड़ी कल्चर देश को आत्मनिर्भर बनने से रोकता है और देश के विकास के लिए यह जरूरी है कि सरकार के पास पैसा हो.तभी वह निवेश कर सकेगी.
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FIRST PUBLISHED : August 12, 2022, 15:05 IST
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