
हाइलाइट्स
क्रोधी स्वभाव के व्यक्ति भी मूनस्टोन को धारण कर सकते हैं.
रत्न शास्त्र में मून स्टोन मोती का उपरत्न माना जाता है.
Moon Stone : रत्न शास्त्र में बताया गया है कि मनुष्य को किसी भी रत्न को धारण करने से पहले कई सावधानियां रखना बहुत जरूरी होता है. ये रत्न शोभा बढ़ाने का काम ही नहीं करते बल्कि इनमें कुछ ऐसी अलौकिक शक्तियां होती हैं जो मनुष्य को काफी प्रभावित कर सकती हैं. रत्नों का प्रयोग कुंडली में मौजूद ग्रहों की दशाओं के अनुसार करना चाहिए. कई बार ऐसा देखने में आया है कि कुछ लोग नाम राशि के अनुसार रत्नों का चुनाव करते हैं, लेकिन यह पूरी तरह से गलत है. रत्न शास्त्र के अनुसार जन्म कुंडली के पूर्ण विश्लेषण के बाद ही रत्न धारण किए जाने चाहिए. आज हमें भोपाल के रहने वाले ज्योतिषी एवं पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा बता रहे हैं मून रत्न के बारे में.
-कैसे पहचाने मून स्टोन
मून स्टोन मोती का उपरत्न है यह रंगहीन और पीले रंग का होता है. जिसकी चमक नीली या दूधिया दिखाई देती है. जो देखने में चांदी के समान लगता है. कई बार देखने में मून स्टोन की सतह पर नीली छाई के समान दूधिया रंग का प्रकाश भी दिखाई देता है. ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि मून स्टोन में जितनी अधिक नीली आभाएं होंगी वह उतना ही अधिक मूल्यवान होगा.
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-किन-किन समस्याओं में उपयोगी
-गृह क्लेश
ऐसा माना जाता है कि यह व्यक्ति के घर में आंतरिक कलह या गृह क्लेश होता है, वहां मूनस्टोन को धारण कर सकते हैं. इसके अलावा पति-पत्नी के रिश्ते में किसी प्रकार की खटास को दूर करने के लिए भी मून स्टोन धारण किया जा सकता है. अत्यधिक क्रोधी स्वभाव के व्यक्ति भी मूनस्टोन को धारण कर सकते हैं.
-निर्णय क्षमता
कई बार देखने में आया है कि कुछ लोगों को फैसले लेने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ऐसे लोगों की निर्णय क्षमता सही नहीं होती. जिसके चलते वैचारिक मतभेद के कारण उन्हें कई बार परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. ऐसी स्थिति में ऐसे व्यक्ति मून स्टोन धारण कर सकते हैं. ऐसा करने से उनकी निर्णय क्षमता में बढ़ोतरी होगी.
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-कैसे धारण करें मून स्टोन
*मून स्टोन मोती का उपरत्न है इसलिए इसे भी मोती के जैसे ही चांदी की अंगूठी में जड़वा कर पहनना शुभ होता है.
*मूनस्टोन को शुक्ल पक्ष के किसी भी सोमवार की रात अपने हाथों की सबसे छोटी उंगली में पहना जा सकता है.
*बहुत से ज्योतिषी मूनस्टोन को पूर्णिमा के दिन भी पहनने की सलाह देते हैं. इस उपरत्न को धारण करने से पहले गंगा जल में भिगोकर रख दें और भगवान शिव को अर्पित करने के बाद ही इसे धारण करें.
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Tags: Astrology, Dharma Aastha, Predictions, Religion
FIRST PUBLISHED : September 09, 2022, 01:28 IST
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