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हाइलाइट्स

एचएएल बुधवार को अपने स्वदेशी बुनियादी ट्रेनर विमान HTT-40 से पर्दा उठाएगा.
इसके साथ ही उसे अपने जेट ट्रेनर HJT-36 को भी जल्द सर्टिफिकेशन मिलने की उम्मीद है.
इनसे वायुसेना में पायलटों की ट्रेनिंग के लिए विमानों की कमी पूरी हो सकेगी.

अमृता नायक दत्ता
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को DefExpo-2022 में इंडिया पवेलियन का दौरा करने वाले हैं. यहां हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) भी अपना बनाया स्वदेशी बुनियादी ट्रेनर विमान HTT-40 का विशेष अनावरण करेगा. इस नए विमान के साथ ही इस सरकारी एयरोस्पेस और रक्षा कंपनी को मध्यम स्तर के अपने जेट ट्रेनर  HJT-36 के लिए भी जल्द सर्टिफिकेशन हासिल करने की उम्मीद है. इससे ये विमान भारतीय वायुसेना सेना के ट्रेनर विमान किरण की जगह ले सकेंगे.

सरकार से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि ट्रेनर विमान ने सभी फ्लाइट टेस्ट पास कर लिए हैं और जल्द ही सर्टिफिकेशन के लिए जाएंगे. उन्होंने News18 से कहा, ‘विमान के सभी उड़ान परीक्षण किए गए हैं. यह जल्द ही प्रमाणन में जाएगा.’

सेना में शामिल होने पर फोर्स के पास एयरफोर्स और नेवल पायलटों के लिए दो प्रकार के स्वदेशी निर्मित ट्रेनर विमान होंगे.

ट्रैनिंग में कमी
पिछले दो दशकों में भारत को पर्याप्त संख्या में ट्रेनर जेट की कमी का सामना करना पड़ा, जिससे पायलटों के प्रशिक्षण में बड़ी दिक्कत आ रही थी.

ऐसे में स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित HAL HPT-32 को करीब एक दशक तक इस्तेमाल के बाद बंद कर दिया गया था. यह विमान पिस्टन इंजन से संचालित था और इसका इस्तेमाल बंद करने की बड़ी वजह यह थी कि बहुत कम समय में ही यह कई हादसों का शिकार हुआ, जिसमें कई अनुभवी पायलटों की मौत हो गई थी.

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ऐसे में इसकी कमी को पूरा करने के लिए वायुसेना को स्विट्जरलैंड से 75 Pilatus PC-7 MkII विमान खरीदना पड़ा था.

निर्यात के लिए तैयार है HTT-40
हालांकि अब HTT-40 वायुसेना में प्रशिक्षक विमानों की कमी को दूर कर देगा. इस कार्यक्रम में शामिल एक अधिकारी ने News18 को बताया, ‘वायुसेना द्वारा (HTT-40 पर)  कुछ खास चिंताएं उठाई गई थी, जिसके बाद विमान में बड़े पैमाने पर बदलाव किए गए हैं.’

HPT-32 विमान में लगाए गए पिस्टन इंजन के उलट HTT-40 विमान में अमेरिका के हनीवेल एयरोस्पेस में निर्मित टर्बोफैन इंजन लगा है. इसके अलावा इसमें 60% से ज्यादा स्वदेशी पार्ट्स लगे हैं.

अधिकारियों ने News18 को बताया कि ये ट्रेनर विमान निर्यात के लिए भी पूरी तरह से तैयार हैं. उन्होंने कहा, ‘अगर दूसरे देश HTT-40 को हासिल करने में रुचि दिखाते हैं तो हम इस ट्रेनर जेट का निर्यात करने के लिए तैयार हैं.’

बता दें कि भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के मातहत आने वाले सेंटर फॉर मिलिट्री एयरवर्थनेस एंड सर्टिफिकेशन (CEMILAC) ने पहले ही इस विमान को प्रमाणित कर दिया है.

रक्षा अधिकारी ने बताया कि यह परियोजना केवल छह वर्षों में पूरी हुई है, जो अपने आप में एक तरह का रिकॉर्ड है. उन्होंने बताा कि इसका उत्पादन बेंगलुरु और नासिक में एचएएल की दो मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में होगा.

एयरो इंडिया 2021 में HAL को 70 HTT-40 बेसिक ट्रेनर एयरक्राफ्ट के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (RFP- प्रस्ताव निवेदन) मिला था. इन आरएफपी में भारतीय वायुसेना के लिए 38 अतिरिक्त प्रशिक्षकों की खरीद का विकल्प भी शामिल है.

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Tags: HAL, Indian air force

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