नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति (New Logistics Policy) को मंजूरी दे दी है. राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति के तहत अब माल भाड़ा सेवाओं (Goods Transporting Services) में कुशलता लाना, कौशल विकास, उच्च शिक्षा में लॉजिस्टिक्स को दुरुस्त करना तथा टेक्नोलॉजी को अपनाना शामिल है. बता दें कि भारत अभी लॉजिस्टिक लागत में विश्व में 44वें स्थान पर है. इसकी परिकल्पना में तेज और समावेशी वृद्धि के लिए प्रौद्योगिकी आधारित क्षमता एकीकृत, सस्ते, हर स्थिति में उपयोगी, सतत तथा विश्वसनीय लॉजिस्टिक्स इको सिस्टम का विकास करना शामिल है. इस नीति के तहत लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं और इसमें उन लक्ष्यों को हासिल करने की विस्तृत कार्य योजना को शामिल किया है.
केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति के तहत तीन लक्ष्य निर्धारित किए हैं. पहला, साल 2030 तक विश्व मानकों की तुलना में भारत में लॉजिस्टिक्स की लागत में कटौती करना. दूसरा, साल 2030 तक 25 शीर्ष देशों में लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन सूचकांक रैंकिंग में सुधार लाना और चौथा, प्रभावी लॉजिस्टिक्स इको सिस्टम के लिए डाटा आधारित निर्णय समर्थन की संरचना करना.

मोदी सरकार की नई नीति का मकसद है जीडीपी के मौजूदा 16 प्रतिशत से घटाकर 8 प्रतिशत के नीचे लाना और रोजगार पैदा करना.
राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति की कैबिनेट से मिली मंजूरी
आपको बता दें कि राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति को परामर्श प्रक्रिया के जरिये विकसित किया गया है. इस सम्बन्ध में विभिन्न मंत्रालयों/सरकारी विभागों, उद्योग से जुड़े हितधारकों और अकादमिक जगत के साथ परामर्श के कई दौर हुये तथा विश्व में प्रचलित उत्कृष्ट व्यवहारों पर गौर किया गया. यह नीति देश में लॉजिस्टिक्स की लागत को कम करने का मार्ग प्रशस्त करती है. इसके तहत गोदामों के सम्बन्ध में उचित विकास का रास्ता खोलने पर ध्यान दिया जायेगा, जिसमें अधिकतम स्थान की योजना, मानकों को प्रोत्साहन, लॉजिस्टिक्स मूल्य श्रृंखला का डिजिटलीकरण व स्वचालन तथा बेहतर ट्रैकिंग और ट्रेसिंग प्रणाली शामिल है.
केंद्र सरकार ने तीन लक्ष्य निर्धारित किए
इस नीति में स्पष्ट रूप से दर्शाया गया है कि विभिन्न पहलों के जमीनी स्तर पर तुरंत क्रियान्वयन के लिये कार्य-एजेंडा तैयार किया जायेगा. दरअसल, इस नीति के लाभों के लिये यह सुनिश्चित किया गया है कि इसकी ज्यादा से ज्यादा पहुंच हो, एकीकृत लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफॉर्म (यूएलआईपी) सहित नीतिगत महत्वपूर्ण पहल की जायें, लॉजिस्टिक्स सेवा प्लेटफॉर्म सुगम हो, गोदामों पर ई-पुस्तिका तैयार की जाये, पीएम गतिशक्ति पर प्रशिक्षण पाठ्यक्रम, ई-गॉट प्लेटफॉर्म पर लॉजिस्टिक्स को राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति के साथ शुरू किया गया. इस तरह जमीनी स्तर पर इसकी तैयारी के संकेत मिलते हैं.

भारत अभी लॉजिस्टिक लागत में विश्व में 44वें स्थान पर है. (फाइल फोटो)
इन राज्यों के अपने लॉजिस्टिक नीति हैं
इस नीति को लेकर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पूरी तरह अवगत करा दिया गया है. 14 राज्यों ने अपनी-अपनी राज्य लॉजिस्टिक्स नीतियां बना ली हैं, जो राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति के अनुरूप हैं. वहीं, 13 राज्यों में इसका मसौदा तैयार हो रहा है. केंद्र और राज्य स्तर पर पीएम गतिशक्ति के तहत संस्थागत प्रारूप पूरी तरह चलने लगा है, जो नीति के क्रियान्वयन की भी निगरानी करेगा. इससे सभी हितधारकों द्वारा नीति को जल्द और कुशलतापूर्वक अपनाना सुनिश्चित हो जायेगा.
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पिछले दिनों ही माल परिवहन की लागत कम करने के लिए केंद्र सरकार ने नई राष्ट्रीय लाजिस्टिक नीति ले कर आई है. इसका मकसद उत्पादों के निर्बाध आवागमन को बढ़ावा देने के साथ-साथ माल ढुलाई की लागत को कम करना है. नई नीति लाने का मकसद है कि जीडीपी के मौजूदा 16 प्रतिशत से घटाकर 8 प्रतिशत के नीचे तक लाना और रोजगार पैदा करना.
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Tags: Business news, Goods and services tax, Modi cabinet, PM Modi, Public Transportation
FIRST PUBLISHED : September 21, 2022, 18:11 IST
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