
दुबई. ईरान और पश्चिमी देशों के बीच टकराव रुकता हुआ नजर नहीं आ रहा है. ब्रिटेन ने दावा किया है कि उसने इस साल की शुरुआत में ब्रिटेन के युद्धपोत ने ओमान की खाड़ी में ईरानी पोत को पकड़ा जिसमें ईरानी मिसाइलों भरी पड़ी थीं. इन मिसाइलों को जब्त कर लिया गया. ब्रिटेन का दावा है कि ये मिसाइलें यमन के हूती विद्रोहियों को भेजी जा रही थी. गौरतलब है कि यमन में सऊदी अरब ने हूती विद्रोहियों के खिलाफ सैन्य अभियान चला रखा है. सऊदी अरब पश्चिमी देशों का दोस्त है और ब्रिटेन, अमेरिका सहित पश्चिमी देश सऊदी अरब का समर्थन करता रहा है. हालांकि ब्रिटेन के इस दावे का ईरान ने पुरजोर विरोध किया है.
ब्रिटेन का आरोप-हूती विद्रोहियों को हथियार मुहैया कराता है ईरान
ब्रिटेन ने कहा है कि उसकी नौसेना के युद्धपोत ने इस साल की शुरुआत में ओमान की खाड़ी में ईरानी मिसाइल और हथियारों की खेप जब्त की थी. इससे संकेत मिलता है कि यमन के हूती विद्रोहियों को तेहरान का समर्थन मिलता रहा है. अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी. ब्रिटेन सरकार ने बयान में कहा है कि अब तक का यह सबसे पुख्ता सबूत है कि सऊदी अरब के नेतृत्व वाली गठबंधन सेना के खिलाफ ईरान हूती विद्रोहियों को हथियार मुहैया कराने के साथ फारस की खाड़ी के जरिए तस्करी वाले अत्याधुनिक हथियार भेजता है.
संयुक्त अरब अमीरात में ब्रिटेन के दूतावास ने सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल और अन्य हथियारों की जब्ती का जिक्र करते हुए कहा कि पहली बार ब्रिटेन के युद्धपोत ने ईरान से अत्याधुनिक हथियार ले जाने वाले पोत को पकड़ा है.
ईरान ने यूएन में आरोप को बेबुनियाद बताया
सैन्य बलों के मंत्री जेम्स हेप्पी ने कहा, यमन में शांति लाने की दिशा में ब्रिटेन काम करता रहेगा और वह अंतरराष्ट्रीय समुद्री सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है ताकि वाणिज्यिक जहाजों की आवाजाही निर्बाध तरीके से हो. बहरहाल, संयुक्त राष्ट्र में ईरान के मिशन ने ब्रिटेन के बयानों को बेबुनियाद बताते हुए खारिज कर दिया और कहा कि ईरान ने कभी भी हथियार या सैन्य उपकरण नहीं भेजे हैं और वह हमेशा अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं का पालन करता रहेगा. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने यमन में हथियार भेजने पर प्रतिबंध लगा रखा है. आशंका है कि यमन में 2015 में हूती विद्रोहियों के युद्ध छेड़ने के बाद से ईरान उसे हथियार भेजता रहा है.
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FIRST PUBLISHED : July 07, 2022, 23:56 IST
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