
हाइलाइट्स
मध्य युगांडा के मुबेंडे और कसांडा जिलों में 21 दिनों का लॉकडाउन.
अब तक इस खतरनाक वायरस से 19 लोगों की गई जान.
फिलहाल मुबेंडे इसका केंद्र.
कंपाला. अफ्रीका के युगांडा में इन दिनों इबोला कहर बरपा रहा है. इस जानलेवा वायरस के प्रसार को रोकने के लिए युगांडा के राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी ने मध्य युगांडा के मुबेंडे और कसांडा जिलों में 21 दिनों का लॉकडाउन लगा दिया है. फिलहाल अब तक इस खतरनाक वायरस से 19 लोगों की जान जा चुकी है. वहीं इबोला का पहला केस 20 सितंबर को दर्ज किया गया था.
सीजीटीएन की एक रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रपति योवेरी ने पहले कहा था कि इस तरह के उपायों की कोई आवश्यकता नहीं है. लेकिन बढ़ते प्रकोप के देखते हुए उन्होंने अपने बयान से यू-टर्न लिया है और दो जिलों में 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की है. वहीं इबोला के नए प्रकोप ने 58 दर्ज मामलों में से 19 लोगों की जान ले ली है. हालांकि, मौतों और मामलों की वास्तविक संख्या अधिक हो सकती है.
इबोला का प्रकोप सितंबर में मुबेंडे में शुरू हुआ, जो राजधानी कंपाला से लगभग 80 किमी (50 मील) दूर है. फिलहाल मुबेंडे इसका केंद्र बना हुआ है. राष्ट्रपति मुसेवेनी ने पहले यह कहते हुए लॉकडाउन से इनकार किया था कि इबोला एक एयर बॉर्न वायरस नहीं है. इसलिए इसमें कोविड-19 जैसे समान उपायों और बचाव की आवश्यकता नहीं है. लेकिन शनिवार को उन्होंने 21 दिनों के लिए मुबेंडे और कसांडा जिलों के अंदर और बाहर सभी तरह की आवाजाही पर रोक लगा दी.
युगांडा के राष्ट्रपति ने एक टेलीविजन संबोधन में कहा कि यह इबोला के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए अस्थायी उपाय है. हम सभी को अधिकारियों के साथ सहयोग करना चाहिए ताकि हम इस प्रकोप से कम से कम समय में जीत सकें. वहीं पिछले हफ्ते नौ अफ्रीकी देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों और सरकारी प्रतिनिधियों ने वायरस के संभावित प्रसार को रोकने के लिए संयुक्त उपायों पर सहमति व्यक्त की.
मालूम हो कि अफ्रिका में इबोला का प्रकोप आता-जाता रहता है. देश में यह कभी अचानक से बढ़ जाता है और अचानक रुक भी जाता है. इससे पहले कांगों के इक्वाटोर प्रांत में वर्ष 2018 में इबोला का प्रकोप फैला था और 54 मामले सामने आए थे. इसमें 33 लोगों की मौत हो गई थी.
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FIRST PUBLISHED : October 18, 2022, 08:49 IST
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