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हाइलाइट्स

ये डॉक्टर युद्ध वाले इलाके में अपने पालतू जानवरों को एक किसान के पास छोड़ आया था.
अपने असामान्य पालतू जानवरों के कारण उनको जगुआर कुमार के रूप में जाना जाता है.
डॉ. गिदी कुमार पूर्वी यूक्रेन के लुहान्स्क इलाके में रहते थे.

कीव. यूक्रेन पर रूस के हमले के समय वहां फंस गए आंध्र प्रदेश के एक हड्डी रोग डॉक्टर ने अब वहां पर लड़ाई वाले इलाके में फंसे अपने पालतू जगुआर और पैंथर को बचाने के लिए भारत सरकार से मदद करने की अपील की है. जब डॉक्टर को युद्ध वाले इलाके से बाहर निकाला गया था तो वह अपने पालतू जानवरों को पीछे ही एक किसान के पास छोड़ आया था. अपने असामान्य पालतू जानवरों के कारण जगुआर कुमार के रूप में जाने जाने वाले डॉ. गिदी कुमार पाटिल ने कहा कि उनकी सबसे बड़ी प्राथमिकता अपने कीमती पालतू जानवरों- जगुआर यशा और एक काली मादा तेंदुआ सबरीना के जीवन को बचाना है.

जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया तो डॉ. गिदी कुमार अपने पालतू जगुआर और पैंथर को बचाने की कोशिश में जुट गए. 42 वर्षीय इंडियन डॉक्टर को उन्हें एक स्थानीय किसान के पास छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा था. डॉ. गिदी कुमार पूर्वी यूक्रेन के लुहान्स्क इलाके में रहते थे और आय के वैकल्पिक उपाय की खोज में निराश होने के बाद उन्होंने इलाके को छोड़ दिया. जो जंग का केंद्र था. कीव में भारतीय दूतावास ने इस मामले में उनकी मदद करने में लाचारी जाहिर की. इसके कारण उन्होंने भारत सरकार से मदद करने और इस समस्या को सुलझाने की अपील की है.

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पाटिल ने कहा कि उनके पालतू पशुओं की मौजूदा हालत और उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हर संभव समाधान के लिए इस समस्या पर तुरंत विचार करना और तेजी से कार्य करना चाहिए. गौरतलब है कि जगुआर कुमार के नाम से मशहूर भारतीय डॉक्टर ने अपने पालतू जगुआर और तेंदुए के बगैर यूक्रेन छोड़ने से इनकार कर दिया था. उन्होंने कहा था कि ‘मैंने दूतावास को फोन किया लेकिन उचित प्रतिक्रिया नहीं मिली. मेरी जगह रूसियों से घिरी हुई है. मैं अपनी पूरी कोशिश कर रहा हूं कि अपने पालतू पशुओं को बचा सकूं. मैं उन्हें अपने बच्चों की तरह मानता हूं.’

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