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मेरठ. मकान-दुकान सहित विभिन्न निर्माण कार्यों के बाद दीवारों पर लगने वाली सीलन से बचने को जल्द ही बाजार से महंगे उत्पाद खरीदने की जरूरत नहीं होगी. चौधरी चरण सिंह विवि कैंपस के रसायन विज्ञान विभाग में विकसित री-डिस्पर्सिबल पाउडर के जरिए बेहद कम कीमत पर सीलन से बचा जा सकेगा. यह पाउडर ना केवल बाजार के उत्पादों से कम टॉक्सिस एवं सस्ता होगा बल्कि औद्योगिक इकाइयों में आसानी से तैयार हो सकेगा. यह पाउडर पूरी तरह से जल प्रतिरोधी होगा.

सहायक प्रोफेसर डॉ.नाजिया तरन्नुम एवं रिसर्च स्कॉलर पूजा द्वारा तैयार पाउडर विधि को पेटेंट मिल गया है. जल्द ही इसके व्यवसायिक उत्पादन के लिए विभिन्न उद्योगों से टाइअप की प्रक्रिया शुरू होगी. डॉ.नाजिया के अनुसार, उक्त पाउडर विभिन्न अवययों से तैयार हुआ है. बाजार में जो उत्पाद हैं उनके निर्माण के लिए महंगे केटेलिस्ट और भारी धातु अवययों का प्रयोग होता है. यह प्रक्रिया ना केवल बहुत महंगी और लंबी है बल्कि इनमें विषाक्तता (टॉक्सिसिटी) भी ज्यादा है.

डॉ.नाजिया के अनुसार, कैंपस में पाउडर को नई विधि से तैयार किया गया है जिसमें महंगे केटेलिस्ट और भारी धातु अवययों के प्रयोग की जरूरत नहीं है. यह बेहद आसानी से कम खर्च में तैयार हो सकता है. साथ ही इसमें विषाक्तता ना के बराबर हैं. यह पाउडर स्प्रे ड्राइंग प्रोसेस से तैयार हुआ है.

डॉ.नाजिया एवं पूजा के अनुसार, इस पाउडर से निर्माण उद्योग को बड़ा लाभ होगा. कुल मिलाकर यह पाउडर सस्ते में दीवारों की सीलन को सोख लेगा. विवि को पाउडर विकसित करने की प्रक्रिया पर ही पेटेंट मिला है.

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