
इटावा. समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के नेता एक के बाद एक करके लगातार सत्तारूढ़ बीजेपी की ओर से रुख करते हुए चले जा रहे हैं. शिवपाल के करीबियों के भाजपा के पाले मे जाने से राजनीतिक हल्कों में कई तरह की चर्चाएं भी हो रही हैं. चर्चाएं काफी हैं लेकिन इस बात की पुख्ता जानकारी किसी को नहीं है कि ऐसा क्यों हो रहा है. ताजा मामला को आजमगढ़ में लोकसभा सीट पर उपचुनाव से निकल कर सामने आया है. यहां पर मतदान से पहले प्रसपा के मंडल अध्यक्ष रहे पूर्व विधायक राम दर्शन यादव बीजेपी में शामिल हो गए. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने जनसभा के दौरान पूर्व विधायक को पार्टी में शामिल करवाया. ऐसा माना जा रहा है कि हालिया लोकसभा उपचुनाव में राम दर्शन के पार्टी में शामिल होने से बीजेपी को फायदा हो सकता है.
अंशु भी हुए बीजेपी के
शिवपाल के एक और बेहद खास माने जाने वाले अभिषेक सिंह अंशु ने बीजेपी में शामिल होना मुनासिब समझा. इटावा की भरथना सीट पर शिवपाल यादव ने सुशांत वर्मा को उम्मीदवार घोषित किया था लेकिन समाजवादी पार्टी ने भरथना सीट से राघवेंद्र गौतम को टिकट दिया और उन्होंने जीत भी दर्ज की. इसी तरीके से पूर्व राज्यसभा सांसद वीरपाल यादव को शिवपाल यादव ने समाजवादी पार्टी से हुए गठबंधन से पहले बिथरी चौनपुर से प्रत्याशी घोषित किया था लेकिन अखिलेश यादव ने इस चुनाव में अगम मौर्य को उम्मीदवार बना दिया.
टिकट नहीं मिला तो बीजेपी गए
वहीं शिवपाल सिंह ने इटावा सदर सीट से अपनी पार्टी के उपाध्यक्ष रघुराज सिंह शाक्य का टिकट घोषित किया था लेकिन सर्वेश शाक्य को सपा से टिकट दिया गया. इसके बाद रघुराज बीजेपी में शामिल हो गए. इसी तरह से फिरोजाबाद की सिरसागंज सीट से शिवपाल हरीओम यादव का टिकट चाहते थे लेकिन उनकी सपा मे एंट्री ही नहीं हो सकी. ऐसे में हरीओम को सिरसागंज से भाजपा ने टिकट दे चुनाव मैदान मे उतारा लेकिन वे हार गए. ऐसा ही कुछ हाल शिवपाल यादव की पार्टी से ताल्लुक रखने वाले पूर्व मंत्री शारदा प्रताप शुक्ला और शादाब फातिमा समेत कई बड़े-बड़े नेताओं का भी हुआ. जिसके बाद शारदा प्रसाद शुक्ला ने तो बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली.
और कांग्रेस का भी कर लिया रुख
वहीं शिवपाल कैंप के माने जाने वाले बिधूना से समाजवादी पार्टी के विधायक रहे प्रमोद गुप्ता एलएस और अखिलेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे शिवकुमार बेरिया ने भी बीजेपी की सदस्यता ग्रहण भाजपा का झंडा उठा लिया. वहीं जब अर्चना राठौड़ को टिकट नहीं मिला तो उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया और भोजपुर सीट से चुनाव लड़ा, हालांकि वे हार गईं. अर्चना को लेकर ये कहा जाता है कि वे शिवपाल की काफी करीबी हैं और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया की महिला सभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुकी हैं.
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य रहे अमित जानी मेरठ जिले की सिवाल खास विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी में थे लेकिन गठबंधन में यह सीट सपा के खाते में गई और पूर्व विधायक गुलाम मोहम्मद को प्रत्याशी बनाया गया. टिकट न मिलने से नाराज अमित जानी ने प्रसपा छोड़ कांग्रेस जॉइन कर ली. कांग्रेस ने भी जब उन्हें टिकट नहीं दिया तो वे निर्दलीय के तौर पर चुनाव में उतरे.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
Tags: BJP, Samajwadi party, Shivpal singh yadav
FIRST PUBLISHED : June 18, 2022, 23:45 IST
Article Credite: Original Source(, All rights reserve)