
डूंगरगढ़. वैसे तो कुर्सी को लेकर मंच पर नेताओं में कहासुनी की घटना आम है लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों के लिए भी कुर्सी उतनी ही महत्व रखती है, ये इस खबर को पढ़ने के बाद आपको पता चल जाएगा. दरअसल, एक कुर्सी पर बैठने को लेकर दो अधिकारियों में इस कदर बहस हुई कि मामला मारपीट तक पहुंच गया. फिर क्या दोनों अधिकारियों ने सबके सामने ही एक-दूसरे पर लात घूंसे बरसाने शुरू कर दिये. हैरानी की बात यह रही कि इस दौरान पुलिस भी मौजूद थी.
राजस्थान के श्री डूंगरगढ़ में एक कुर्सी पर बैठने को लेकर दो अधिकारियों में आपस में ठन गई और विवाद इतना बढ़ गया की एक अफसर की जमकर धुनाई कर दी गई, वह भी पुलिस की मौजूदगी में. श्री डूंगरगढ़ नगर पालिका के एग्जीक्यूटिव ऑफिसर यानी ईओ के पद पर भवानी शंकर व्यास काम कर रहे थे. लेकिन 21 अक्टूबर को व्यास का सरकार ने तबादला कर दिया और उनकी जगह ललित सिंह देथा को नया एग्जीक्यूटिव ऑफिसर बना दिया.
हालांकि व्यास ने अपना तबादला कोर्ट से निरस्त करा दिया और आदेश को लेकर फिर से दफ्तर पहुंच गए और ईओ की कुर्सी पर जा बैठे. वहीं कुछ देर बाद देथा भी अपने समर्थकों के साथ दफ्तर आ पहुंचे. इस दौरान व्यास को अपनी कर्सी पर बैठा देख आगबबूला हो गए और उन्हें कुर्सी पर से हटने को कहा. इसपर व्यास ने इनकार कर दिया और फिर बहस शुरू हो गई. लेकिन कुछ देर बाद ही बहस मारपीट में तब्दील हो गई. देथा के साथ आए समर्थकों ने व्यास की पिटाई कर दी.
भवानीशंकर को किया गया निलंबित
हालांकि कुछ देर बाद ही पुलिस ने बीच-बचाव कर दोनों पक्षों को अलग किया और मामले को शांत कराया. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भवानीशंकर व्यास ने कहा कि यहां जानबूझकर लोगों के इकट्ठा किया गया. मेरे साथ मारपीट की गई. पुलिस को बार-बार फोन करके बुलाया. लेकिन समय पर पुलिस नहीं आई. वहीं ललित सिंह देथा ने कहा कि ये तो भवानीशंकर व्यास की गलती है कि जब उनका ट्रांसफर कर दिया गया, रिलीव कर दिया गया है. फिर वो सीट पर क्यों बैठे? वहीं घटना के बाद शाम को 5 बजे राज्य सरकार ने आदेश जारी करके भवानीशंकर व्यास को निलंबित कर दिया गया है.
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Tags: Rajasthan news
FIRST PUBLISHED : October 31, 2022, 21:42 IST
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