e0a4b0e0a4bee0a49ce0a580e0a4b5 e0a497e0a4bee0a482e0a4a7e0a580 e0a4b9e0a4a4e0a58de0a4afe0a4bee0a495e0a4bee0a482e0a4a1 e0a4aee0a587
e0a4b0e0a4bee0a49ce0a580e0a4b5 e0a497e0a4bee0a482e0a4a7e0a580 e0a4b9e0a4a4e0a58de0a4afe0a4bee0a495e0a4bee0a482e0a4a1 e0a4aee0a587 1

चंडीगढ़ .  उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) द्वारा राजीव गांधी हत्याकांड  (Rajiv Gandhi assassination case) के छह दोषियों की समय से पहले रिहाई का निर्देश दिए जाने के बाद शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने केंद्र से सजा की अवधि पूरी कर चुके सभी सिख कैदियों को रिहा करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि सभी ‘बंदी सिंह’ (सिख कैदियों) को रिहा करने संबंधी अंतिम बाधा इस फैसले से दूर हो गई है और ‘अब सिख कैदियों को स्वतंत्रता से वंचित करने का कोई संवैधानिक आधार नहीं है.’

बादल ने यह भी कहा कि सिख कैदियों की रिहाई पुराने जख्मों को भरने का काम करेगी और यह पंजाब में स्थायी शांति एवं सांप्रदायिक सद्भाव लाने के लिए सही कदम होगा. उन्होंने एक बयान में कहा, “विपरीत दावे गलत हैं और इनका उद्देश्य संवेदनशील सीमावर्ती राज्य में केवल सांप्रदायिक विभाजन पैदा करना है. तदनुसार, गृह मंत्रालय को भी स्थिति के अनुरूप अपने फैसले का पुनर्मूल्यांकन करना चाहिए और बंदियों को तुरंत रिहा करने की सिफारिश करनी चाहिए.’ शिअद पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के मामले में दोषी बलवंत सिंह राजोआना और 1993 के दिल्ली बम विस्फोट के दोषी देविंदर पाल सिंह भुल्लर सहित कई सिख कैदियों की रिहाई की मांग करता रहा है.

बादल ने यहां एक बयान में कहा कि यह ‘बेहद परेशान करने वाला’ है कि राजोआना सहित सिख बंदियों की रिहाई को ‘रोका गया’, क्योंकि गृह मंत्रालय ने उच्चतम न्यायालय को ‘प्रतिकूल रिपोर्ट’ दी, जिसने सरकार से राजोआना की क्षमादान याचिका पर अंतिम फैसला लेने को कहा था.

READ More...  बदल रहा है भारत! 70 साल में पहली बार इस गांव के दलितों ने मंदिरों में किया प्रवेश

Tags: Shiromani Akali Dal, Supreme Court

Article Credite: Original Source(, All rights reserve)