
नूर सुल्तान. रूस और यूक्रेन के बीच 24 फरवरी से जंग (Russia-Ukraine War) चल रही है. जंग के 78 दिनों में यूक्रेन जहां बर्बाद हो रहा है. रूस भी दुनिया से दरकिनार कर दिया जा रहा है. एक के बाद एक रूस के सहयोगी उसका साथ छोड़ रहे हैं. इस बीच 9 मई को रूस ने पारंपरिक विजय दिवस मनाया. दूसरे विश्व युद्ध में जर्मनी की नाजी सेना पर सोवियत संघ की जीत के प्रतीक के रूप में विजय दिवस (Russia Victory Day) मनाया जाता है. पूर्व सोवियत संघ के सहयोगी देश भी विजय दिवस मनाते हैं, लेकिन इस बार यूक्रेन जंग के विरोध में रूस के साथी कजाकिस्तान ने विजय दिवस मनाने से इनकार कर दिया. कजाकिस्तान (Kazakhstan) के लिए, इस वर्ष के विजय दिवस समारोह में शामिल होने से इनकार करना रूस के आक्रामक कार्यों से देश को दूर करने का एक संकेत है.
यूक्रेन में युद्ध की शुरुआत के बाद से कजाकिस्तान के अधिकारियों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे मॉस्को के सैन्य अभियान की निंदा नहीं करते हैं. वहीं, मार्च की शुरुआत में कजाकिस्तान सहित कई मध्य एशियाई देशों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव में रूसी आक्रमण की निंदा की. हालांकि, इस दौरान कजाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से रूस को निलंबित करने के लिए अमेरिका द्वारा प्रायोजित प्रस्ताव के लिए मतदान नहीं किया.
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दूसरी ओर, कजाकिस्तान में पहले डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ तैमूर सुलेमेनोव ने वॉशिंगटन डीसी में हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि यूक्रेन में इस समय स्थिति “युद्ध” की है, इसे “विशेष सैन्य अभियान” नहीं कहा जा सकता, जैसा कि क्रेमलिन इसे बताता आया है. कजाकिस्तान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस विशेष शब्द का इस्तेमाल किया.
भारत-अमेरिका समेत अन्य देशों की तरह कजाकिस्तान ने भी यूक्रेन को मानवीय सहायता भेजी है. मार्च में कम से कम तीन मौकों पर मेडिकल सप्लाई वाले प्लेन कीव भेजे गए. वहीं, पोलैंड में अल्माटी से केटोवाइस के लिए 28 मार्च की एक उड़ान ने यूक्रेन के लिए बिस्तर और खाद्य उत्पादों सहित कुल 17.5 टन सहायता भेजी.
मध्य एशिया के सबसे बड़े राष्ट्र ने पूर्वी यूक्रेन में क्रेमलिन द्वारा बनाए गए तथाकथित अलगाववादी गणराज्यों की स्वतंत्रता को मान्यता नहीं दी है. कजाकिस्तान के नागरिकों ने भी आक्रमण पर सार्वजनिक रूप से अपनी नाराजगी व्यक्त की है. स्वतंत्र राज्यों के राष्ट्रमंडल के सदस्य देशों के बीच अब तक का सबसे बड़ा युद्ध-विरोधी विरोध 6 मार्च को अल्माटी में हुआ था. इसमें करीब पांच हजार लोगों ने कथित तौर पर भाग लिया.
यूक्रेन युद्ध पर कजाकिस्तान की बेचैनी का सबसे बड़ा संकेत 9 मई को मिला, जब उसने रूस के वार्षिक विजय दिवस परेड को रद्द करने का निर्णय था. इस साल की परेड को रद्द करने के कदम के साथ सैन्य प्रतीकों के प्रदर्शन पर प्रतिबंध भी लगाया गया.
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कजाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने आधिकारिक तौर पर कहा कि यह बजटीय बचत के साथ-साथ “अन्य मुद्दों” के लिए भी ऐसा फैसला लिया गया था. हालांकि, यूक्रेन संकट के बीच सोवियत एकता के बाद के प्रतीक के रूप में विजय दिवस को कैंसिल करने का ये कदम स्पष्ट रूप से मॉस्को के लिए एक संदेश के रूप में था.
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Tags: Russia, Russia ukraine war, Vladimir Putin
FIRST PUBLISHED : May 12, 2022, 13:30 IST
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