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हाइलाइट्स

पुतिन ने यूक्रेन के खिलाफ सभी विकल्प खुले होने की बात कही थी
मैक्रों ने कहा कि फ्रांस रूस के खिलाफ परमाणु हथियार इस्तेमाल नहीं करेगा
सितंबर के मध्य से यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध में तेजी आई है.

पेरिस. फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रोन ने गुरुवार को एक इंटरव्यू में साफ कर दिया कि अगर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन पर परमाणु हमला करते हैं तो फ्रांस, रूस के खिलाफ परमाणु हथियारों का इस्तेमाल नहीं करेगा. फ्रांस 2 के साथ इंटरव्यू में मैक्रों का ये बयान उस समय आया है, जब यूक्रेन युद्ध में पुतिन ने परमाणु हमले के विकल्प की बात कही है. पुतिन की धमकी के बाद से ही अमेरिका और यूरोपीय देश हलकान हैं. ऐसे में मैक्रों का बयान थोड़ी राहत देने वाला है. बता दें कि कथित पश्चिमी परमाणु ब्लैकमेल के जवाब में आंशिक लामबंदी और ‘बहुत सारे रूसी हथियारों’ के इस्तेमाल की धमकी देते हुए, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के खिलाफ अपने युद्ध में एक बार फिर से तेजी ला दी है.

परमाणु हमलाः पुतिन ने क्या कहा था?
पुतिन 22 सितंबर को सुबह 9 बजे (मास्को समय) टेलीविजन पर रूसी लोगों से बात कर रहे थे, जिसमें जोर देकर कहा गया कि इसके बीस लाख-मजबूत सैन्य बलों की आंशिक सैन्य लामबंदी रूस और उसके क्षेत्रों की रक्षा के लिए थी. उन्होंने कहा कि पश्चिम यूक्रेन में शांति नहीं चाहता है, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वाशिंगटन, लंदन और ब्रुसेल्स ‘हमारे देश को लूटने’ के उद्देश्य से कीव को ‘हमारे क्षेत्र में सैन्य अभियानों को स्थानांतरित करने’ के लिए प्रेरित कर रहे थे. पुतिन ने बस इतना ही कहा, ‘जब हमारे देश की क्षेत्रीय अखंडता को खतरा होता है, तो हम रूस और अपने लोगों की रक्षा के लिए हमारे पास उपलब्ध सभी साधनों का उपयोग करेंगे – यह कोई झांसा नहीं है.’

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20 सितंबर के बाद यूक्रेन युद्ध में आई तेजी
वहीं यूक्रेन युद्ध में तेजी 20 सितंबर को यूक्रेन के उन क्षेत्रों में जनमत संग्रह की घोषणा के बाद हुई है, जिनपर वर्तमान में रूस का कब्जा है. यह यूक्रेन में तेजी से बढ़ रही विकट स्थिति से बाहर निकलने का रास्ता खोजने के लिए रूसी राष्ट्रपति का ताजा दांव लगता है. यूक्रेन के पूर्व में ‘जनमत संग्रह’ के माध्यम से क्षेत्र पर कब्जा करने की रूस की योजना एक स्थापित प्रथा का अनुसरण करती है, लेकिन यह युद्ध में वृद्धि का एक नया दौर भी बनाती है जो पिछले सात महीनों में पुतिन के अनुसार नहीं चल रहा है.

मार्च 2014 में, रूस द्वारा प्रायद्वीप पर कब्जा करने के बाद जल्दबाजी में हुए जनमत संग्रह के आधार पर पुतिन ने क्रीमिया पर कब्जा कर लिया. और फरवरी 2022 में – यूक्रेन में रूसी सेना को भेजने से कुछ दिन पहले – उन्होंने डोनेट्स्क और लुहान्स्क गणराज्यों की स्वतंत्रता को मान्यता दी, 2014 से रूस और उसके स्थानीय साथी परदे के पीछे के इन क्षेत्रों में ‘शांति सेना’ की तैनाती कर रहे थे. पुतिन ने मात्र दो दिन बाद ही यूक्रेन के खिलाफ अपने अवैध युद्ध के लिए इन्हीं क्षेत्रों को लॉन्चपैड के रूप में इस्तेमाल किया.

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Tags: Emmanuel Macron, Vladimir Putin

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