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नई दिल्ली. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के बीच सरकार ने अपने लोगों का पक्ष लिया, क्योंकि हमें अपने फायदे देखना महत्वपूर्ण था. यूक्रेन युद्ध का जिक्र करते हुए जयशंकर ने जोर देकर कहा कि स्थिति का ठोस और कूटनीतिक समाधान चाहने वाला भारत अकेला नहीं है. ‘सरकार ने अपने लोगों का पक्ष लिया. हमें अपना फायदा देखना था और कुछ देशों को पहले आगे आना पड़ा. हम अकेले नहीं हैं जो जल्द से जल्द स्थिति का एक कूटनीतिक समाधान चाहते हैं,’

विदेश मंत्री ने कहा कि विश्व में 200 राष्ट्र हैं, और यदि आप उनसे पूछें कि उनकी स्थिति क्या है, तो अधिकांश लोग चाहेंगे कि युद्ध शीघ्र समाप्त हो, कीमतें गिरें, और प्रतिबंध हटें. दुनिया यही चाहती है और मुझे लगता है कि भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया और विकासशील देशों की आवाज बन गए हैं. किसी को विकासशील देशों की आवाज बनना होगा.’ इसके अलावा, जयशंकर ने विदेशी वीजा जारी करने में देरी की चिंताओं का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि मंत्री स्तर पर उन्होंने इस मामले को अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी सहित पश्चिमी देशों के साथ उठाया था.

‘एजेंडा आजतक’ के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा, “यह बिल्कुल सच है और मुझे पता चला है कि जनता के बीच बहुत चिंता है, खासकर उन रिश्तेदारों के लिए जिनके परिवार के सदस्य विदेश में रह रहे हैं या उन छात्रों के लिए जो विदेश में रह रहे हैं. आपातकाल के लिए विभिन्न देशों में जाना चाहता था. पश्चिमी देशों में वीजा का मुद्दा बढ़ रहा है. उन्होंने कहा, ‘मंत्री स्तर पर, मैंने इस मुद्दे को अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी के साथ उठाया, जिनके विदेश मंत्री ने हाल ही में भारत का दौरा किया था.’

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जयशंकर ने मीडिया कॉन्क्लेव में कहा कि हर हफ्ते विदेशी देश आश्वासन दे रहे हैं कि वे इसे सुधारने की कोशिश कर रहे हैं. जयशंकर ने जी20 की अध्यक्षता के बारे में बात करते हुए कहा कि यह गर्व का विषय है. उन्होंने आगे टिप्पणी की कि भारत ऐसे समय में इसकी अध्यक्षता प्राप्त कर रहा है जब पूरा विश्व कोविड, खाद्य सुरक्षा और अन्य कठिनाइयों से पीड़ित है.

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