
एलमौ (जर्मनी). जी-7 देश के नेताओं ने सोमवार को वैश्विक अर्थव्यवस्था सहित खाद्य और ऊर्जा आपूर्ति पर रूस-यूक्रेन युद्ध के असर को लेकर चर्चा की और कहा कि हम अनाज, तेल और अन्य कृषि उत्पादों के उत्पादन एवं निर्यात में यूक्रेन का समर्थन करने के लिए दृढ़ हैं. इसके साथ ही उन्होंने तेजी से बढ़ रहे वैश्विक खाद्य संकट के कारणों का समाधान करने पर भी जोर दिया. समूह ने रूस से बिना शर्त, कृषि और परिवहन बुनियादी ढांचे पर अपने हमलों को रोकने के साथ ही काला सागर में यूक्रेनी बंदरगाहों से कृषि उत्पादों के जहाजों के लिए खुला रास्ता देने का आह्वान किया.
सात देशों के समूह ने सोमवार को अपने बयान में कहा, “हम अनाज, तेल और अन्य कृषि उत्पादों के उत्पादन एवं निर्यात में यूक्रेन का पुरजोर समर्थन करने के लिए एकजुट और दृढ़ हैं. हम वैश्विक खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देने और विकसित हो रहे वैश्विक खाद्य संकट के कारणों को दूर करने के लिए सामूहिक पहल को प्रोत्साहित करेंगे.”
वैश्विक खाद्य संकट के लिए रूस जिम्मेदार
जी-7 शिखर सम्मेलन में, नेता इस बात पर सहमत थे कि संघर्ष के परिणामस्वरूप वैश्विक खाद्य सुरक्षा के लिए बढ़ते खतरों के मद्देनजर रूस की भारी जिम्मेदारी है. सात देशों के समूह ने बयान में कहा, “यूक्रेन पर रूस के अकारण हमले की वजह से यूक्रेन अपने कृषि उत्पादों का निर्यात नहीं कर पा रहा है और इसकी उत्पादन क्षमता में भी बाधा आ रही है, जिससे कीमतों में भारी वृद्धि हुई है और लाखों लोगों के लिए वैश्विक खाद्य असुरक्षा बढ़ रही है, विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों के रूप में सबसे कमजोर लोगों के लिए.”
2.5 करोड़ टन मकई और गेहूं के यूक्रेन में सड़ने का खतरा
उन्होंने कहा, “हम रूस से बिना किसी शर्त के कृषि और परिवहन बुनियादी ढांचे पर हमलों को रोकने और काला सागर में यूक्रेनी बंदरगाहों से कृषि जहाजों के लिए रास्ता खोलने का आह्वान करते हैं.” यूक्रेन ‘यूरोप की रोटी की टोकरी’ कहा जाता है जो दुनिया के 10 प्रतिशत गेहूं, दुनिया के मक्का के 12 से 17 प्रतिशत और दुनिया के कुल सूरजमुखी के तेल के आधे हिस्से की आपूर्ति करता है. 2.5 करोड़ टन मकई और गेहूं जो सभी कम विकसित देशों की संपूर्ण वार्षिक खपत के बराबर है, इस वक्त युद्ध के कारण निर्यात नहीं की जा सकती है और उसके वर्तमान में यूक्रेनी साइलो (कोठरी) में सड़ने का खतरा पैदा हो रहा है.
यूक्रेन को समर्थन देना जारी रखेंगे जी-7 देश
नेताओं ने खुफिया और सूचना साझा करने, सूचना प्रौद्योगिकी सुरक्षा के साथ समुद्री सुरक्षा में सहयोग का विस्तार करके यूक्रेन को और मजबूत करने पर भी सहमति जाहिर की. बयान में कहा गया है, “हम साइबर घटनाओं के खिलाफ अपने नेटवर्क की रक्षा में यूक्रेन का समर्थन करना जारी रखेंगे और ऊर्जा सुरक्षा, परमाणु सामग्री और सुविधाओं की सुरक्षा के अलावा पर्यावरण व पानी के इस्तेमाल के मुद्दों के क्षेत्र में आपसी सहयोग का विस्तार करेंगे.”
जी-7 में कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल हैं. सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे जर्मनी ने अर्जेंटीना, भारत, इंडोनेशिया, सेनेगल और दक्षिण अफ्रीका को आमंत्रित किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जर्मन चांसलर शोल्ज के आमंत्रण पर जी-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए एलमौ आए हैं.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
Tags: Germany, Russia, Ukraine
FIRST PUBLISHED : June 27, 2022, 19:55 IST
Article Credite: Original Source(, All rights reserve)