
हाइलाइट्स
वर्ल्ड रैंकिंग में 10वें नंबर पर हैं भारत के स्टार शटलर लक्ष्य सेन
लक्ष्य से कॉमनवेल्थ गेम्स के पुरुष सिंगल्स में गोल्ड मेडल की उम्मीद
लक्ष्य के पिता डीके सेन की गिनती देश के दिग्गज कोच में होती है
नई दिल्ली. भारतीय शटलर लक्ष्य सेन आगामी कॉमनवेल्थ गेम्स (Commonwealth Games-2022) में पदक के बड़े दावेदारों में शुमार हैं. देश के करोड़ों खेल प्रेमियों को उनसे काफी उम्मीदें रहेंगी. कॉमनवेल्थ गेम्स इस साल 28 जुलाई से शुरू होंगे जिनका आयोजन बर्मिंघम में होना है. लक्ष्य सेन को ‘मेडलवीर’ कहा जा सकता है क्योंकि वह सोने का तमगा हासिल करने की कोशिश करेंगे. ‘अपने मेडलवीर’ को जानें सीरीज में पढ़िए- लक्ष्य सेन के बारे में…
ऐतिहासिक थॉमस कप जीतने वाली टीम के सदस्य
लक्ष्य सेन कॉमनवेल्थ गेम्स के पुरुष सिंगल्स में उतरेंगे. 20 साल के इस शटलर से उम्मीदों का एक बड़ा कारण उनका लगातार शानदार प्रदर्शन है. लक्ष्य सेन ने पिछले साल वर्ल्ड चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता था. इसके अलावा थॉमस कप-2022 में ऐतिहासिक गोल्ड जीतने वाली भारतीय टीम के वह सदस्य रहे.
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छोटी उम्र से ही अपना लिया था बैडमिंटन
16 अगस्त 2001 को उत्तराखंड के अल्मोड़ा में जन्मे लक्ष्य सेन प्रकाश पादुकोण बैडमिंटन अकादमी में भी ट्रेनिंग कर चुके हैं. वह प्रकाश पादुकोण को ही अपना आदर्श मानते हैं. लक्ष्य ने छोटी उम्र में ही इस खेल को अपना लिया था. वह 2016 में जूनियर सर्किट में उतरे और जूनियर एशियन चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज हासिल किया. फिर जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में प्री-क्वार्टर तक का सफर तय किया.
2018 में जीते कई पदक
साल 2018 लक्ष्य के लिए काफी यादगार रहा. उन्होंने यूथ ओलंपिक गेम्स में बॉयज सिंगल्स का सिल्वर मेडल हासिल किया. इस इवेंट का मिक्स्ड टीम गोल्ड मेडल भी उन्हें मिला. 2018 में ही उन्होंने वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप का ब्रॉन्ज अपने नाम किया. जकार्ता में एशियन जूनियर चैंपियनशिप का बॉयज सिंगल्स गोल्ड मेडल भी लक्ष्य ने 2018 में ही जीता.
पिता भी दिग्गज कोच
कहते हैं कि अगर पिता डॉक्टर हो तो बेटे में काफी गुण बचपन में ही आ जाते हैं. लक्ष्य के साथ भी ऐसा ही हुआ. दरअसल, लक्ष्य के पिता डीके सेन की गिनती देश के दिग्गज बैडमिंटन कोच में होती है. यही कारण रहा कि लक्ष्य ने काफी छोटी उम्र से ही इस खेल में अपना नाम बनाना शुरू कर दिया था. डीके सेन भारतीय जूनियर बैडमिंटन टीम के कोच भी रहे हैं.
ऑल इंग्लैंड का खिताब जीतने से बस एक कदम पीछे रह गए
लक्ष्य ने इसी साल यानी 2022 में उस वक्त सभी की उम्मीदें जगा दीं, जब वह प्रतिष्ठित ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने में कामयाब रहे. हालांकि वह खिताब से महज एक कदम पीछे रह गए. लक्ष्य को फाइनल में विक्टर एक्सेलसन से हार मिली और उन्हें सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा. बाद में उन्होंने स्विस ओपन से अपना नाम वापिस ले लिया था.
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‘पहले मुकाबले से ही लय हासिल’
लक्ष्य फिलहाल दुनिया के 10वें नंबर के पुरुष शटलर हैं. उन्होंने कहा है कि कॉमनवेल्थ गेम्स का पहला मुकाबला उन्हें लय हासिल करने के लिए काफी रहेगा. लक्ष्य ने अपना आखिरी टूर्नामेंट इंडोनेशिया ओपन के तौर पर खेला था, जहां उन्हें हमवतन एचएस प्रणय से हार झेलनी पड़ी. लक्ष्य ने कहा कि वह पिछले 3 हफ्ते से ट्रेनिंग कर रहे हैं जिसका फायदा उन्हें मिलेगा.
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FIRST PUBLISHED : July 19, 2022, 06:03 IST
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