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रिपोर्ट:- अंजलि सिंह राजपूत

लखनऊ के विवेक भारद्वाज ने सिर्फ लखनऊ का ही नहीं बल्कि पूरे देश का नाम रोशन किया है.क्योंकि उन्हें हाल ही में गूगल लंदन ने 1.37 करोड़ के सालाना पैकेज पर जॉब ऑफर की है.लखनऊ से इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी से बीटेक कंप्यूटर साइंस फाइनल ईयर के छात्र विवेक भारद्वाज यूं तो रहने वाले बुलंदशहर के हैं लेकिन पढ़ाई करने के लिए लखनऊ में रहते हैं.उनकी मानें तो प्लेसमेंट के लिए वह पढ़ाई के साथ-साथ लंबे वक्त से ऑनलाइन कई जगहों पर आवेदन कर रहे थे.शुरुआत से ही वह विदेशों में ही नौकरी के लिए आवेदन कर रहे थे.एक दिन उनके पास गूगल लंदन से एक मैसेज आया और उसमें उन्होंने इंटरव्यू के लिए बात की.बस यही था विवेक भारद्वाज की जिंदगी का टर्निंग प्वाइंट.आइए जानते हैं आखिर यह विवेक भारद्वाज का टर्निंग प्वाइंट क्यों बना.

4 राउंड में हुए इंटरव्यू
इस बारे में विवेक भारद्वाज खुद बताते हैं कि जब उनके पास लंदन गूगल से मैसेज आया तो वह इंटरव्यू के लिए तुरंत तैयार हो गए और करीब 4 राउंड के इंटरव्यू हुए.जिसमें उनसे कंप्यूटर साइंस के डाटा स्ट्रक्चर और एल्गोरिदम से जुड़े हुए कुछ सवाल पूछे गए.करीब 5 इंटरव्यूवर उनके सामने थे.हर इंटरव्यू में अलग-अलग लोग हुआ करते थे.इसके बाद अंतिम इंटरव्यू भी हुआ था जिसमें उनसे जनरल बातें की गयीं और इसके बाद उन्हें इस नौकरी के लिए चुना गया.

सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट इंजीनियर का मिला है पद

विवेक भारद्वाज ने बताया कि उनको लंदन गूगल की ओर से सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट इंजीनियर का पद दिया गया है.उन्होंने बताया कि शुरुआत से उनकी कोई दिलचस्पी नहीं थी कि वह गूगल जैसी कंपनी में नौकरी करेंगे.शुरुआत में उनकी दिलचस्पी फिजिक्स में हुआ करती थी.वह बताते हैं कि उनका मन स्टार्ट- अप करने का भी करता है.लेकिन सबसे पहले उन्हें अनुभव हासिल करना है और यह अनुभव उन्हें गूगल के साथ जुड़कर मिलेगा.जिसमें वह अधिक से अधिक सीख सकेंगे.

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यह यात्रा है लेकिन लक्ष्य नहीं

वह बताते हैं कि यह उनकी जिंदगी की यात्रा है लेकिन यह उनका अंतिम लक्ष्य नहीं है.विवेक भारद्वाज ने बताया कि उनके परिवार में उनके माता-पिता के अलावा उनकी एक छोटी बहन और छोटा भाई भी है.बहन हरियाणा से पढ़ाई कर रही है और छोटा भाई बुलंदशहर से ही दसवीं की पढ़ाई कर रहा है.उनके गुरु उनके पिता हैं.

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