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मुंबई. महाराष्ट्र में अपनी सरकार गिरने के बाद महा विकास अघाड़ी (Maha Vikas Aghadi-MVA) की पहली बैठक में तीनों सहयोगी पार्टियों ने बीजेपी के खिलाफ एकजुटता का संदेश दिया. मंगलवार को ये फैसला किया कि शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस विधानसभा (Maharashtra Assembly Elcetion) और लोकसभा (Loksabha Election 2024) दोनों चुनाव एक साथ लड़ेंगी. जबकि स्थानीय निकाय चुनावों को साथ लड़ने पर कोई सहमति नहीं बन सकी. बैठक में पूर्व सीएम और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने हिस्सा लिया. सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद पहली बार उद्धव ठाकरे इस बैठक में शामिल होने के लिए विधानसभा भवन पहुंचे थे.

विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन के सर्वसम्मति से 2024 के लोकसभा और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों में एकजुट होने का संकल्प बीजेपी और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले विद्रोही शिवसेना गुट के सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए एक बड़ी चुनौती मानी जा रही है.

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‘इंडियन एक्सप्रेस’ में छपी एक खबर के मुताबिक, एमवीए घटकों ने बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए एक प्रमुख एजेंडे के साथ एक-दूसरे का साथ देने का फैसला किया है. तीनों सहयोगी दलों के नेता यह स्वीकार करने में स्पष्ट थे कि विभाजित एमवीए से बीजेपी को चुनाव में आसानी होगी. अपने लिए महत्वाकांक्षी चुनावी लक्ष्य निर्धारित करने के बावजूद बीजेपी का मानना ​​है कि अगर उद्धव सेना, एनसीपी और कांग्रेस आगामी चुनाव एक साथ लड़ेंगे, तो इस कदम से उनके जनाधार मजबूत होंगे. ऐसा होने से भगवा पार्टी की लड़ाई और कठिन हो जाएगी.

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हालांकि स्थानीय निकाय चुनावों पर कोई भी फैसला इलाकों से मिले इनपुट के आधार पर लिया जाएगा. महाराष्ट्र में सबसे महत्वपूर्ण माने जानी वाली स्थानीय संस्था बीएमसी का भी चुनाव हाल ही में होने वाला है. बीएमसी पर लंबे समय से शिवसेना का दबदबा रहा है. फिलहाल राज्य की सत्ता से उद्धव ठाकरे को बेदखल करने वाली बीजेपी और उसके सहयोगी एकनाथ शिंदे की निगाह बीएमसी पर से शिवसेना के वर्चस्व को खत्म करने पर लगी है. ऐसे में अगर महा विकास अघाड़ी के सभी दल बीएमसी चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारते हैं तो शिवसेना को झटका लग सकता है. अगर बीएमसी से शिवसेना का कब्जा खत्म हो गया तो उसका आर्थिक आधार काफी हद तक कमजोर हो सकता है.

बीजेपी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि पार्टी अपनी चुनावी रणनीति को उसी के अनुसार फिर से तैयार करने के लिए पहले ही हरकत में आ गई है. भगवा पार्टी का मानना ​​है कि लोगों से अपील करने के मजबूत एजेंडे के साथ-साथ उसे अपना चुनावी गणित भी दुरुस्त करना होगा.

बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने अपनी महाराष्ट्र इकाई के लिए राज्य की कुल 48 लोकसभा सीटों में से 42 से अधिक और राज्य की 288 विधानसभा सीटों में से 200 से अधिक सीटों का लक्ष्य रखा है. बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए कहा, “एक कारण है कि बीजेपी एमवीए सरकार को तोड़ने के लिए बेताब थी, उन्हें अस्थिर करना था.”
बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता कहा, ‘एमवीए शासन के कार्यकाल के दौरान, पार्टी की भूमिका को लेकर राज्य बीजेपी के भीतर मुख्य रूप से दो विचार थे. बीजेपी का एक वर्ग चाहता था कि पार्टी 2024 के चुनावों में एमवीए को लेने से पहले एक आक्रामक विपक्ष की भूमिका निभाए. यह महसूस किया गया कि बीजेपी नेता, विशेष रूप से तत्कालीन विपक्षी नेता देवेंद्र फडणवीस एमवीए सरकार की विफलताओं को उजागर करते रहेंगे. सरकार की सत्ता विरोधी लहर भी पार्टी के लाभ के लिए काम करेगी.”

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हालांकि, एक अन्य, अधिक प्रभावशाली बीजेपी वर्ग का विचार था कि अगर एमवीए अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करता है, तो यह गठबंधन को जमीनी स्तर पर चुनावी रूप से स्थापित करेगा. जिससे पार्टी के लिए एमवीए को हटाने का काम और मुश्किल हो जाएगा.

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले कहा कि एमवीए एकजुट है और हम आज की बैठक के माध्यम से यह संदेश देना चाहते थे. जबकि शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि विधायकों और नेतृत्व के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने के लिए बैठक सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा है. बैठक में शामिल हुए कांग्रेस के एक वरिष्ठ विधायक ने कहा कि यह संदेश देना भी जरूरी है कि वे अब भी साथ हैं और रहेंगे. उन्होंने कहा कि ‘हमें पूरा भरोसा है कि अगर विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ लड़े गए तो जीत हमारी होगी.’

Tags: BJP, Loksabha Election 2024, Maharashtra, Uddhav thackeray

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