
नई दिल्ली. आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank Ltd) को जल्द ही विदेशी हाथों में सौंपा जा सकता है. इसके लिए केंद्र सरकार कुछ नियमों में ढ़ील देने की भी तैयारी में है जिसके बाद बैंक पर विदेशी कंपनियों का मालिकाना हक हो सकेगा. दरअसल, केंद्र सरकार विदेशी फंडों और इन्वेस्टमेंट कंपनियों के कंसोर्टियम को आईडीबीआई बैंक में 51 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी अपने पास रखने की अनुमति देगी.
क्या कहता है आरबीआई गाइडलाइंस ?
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के मौजूदा गाइडलाइंस नए प्राइवेट बैंकों में विदेशी ओनरशिप सीमित करती है. डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) ने इच्छुक बिडर्स के सवाल के जवाब में कहा, केंद्रीय बैंक का प्रमोटर्स के लिए रेजिडेंसी क्राइटीरिया नए स्थापित बैंकों पर लागू होता है और यह आईडीबीआई बैंक जैसी मौजूदा एंटिटी पर लागू नहीं होगा. इसमें कहा गया कि रेजिडेंसी क्राइटीरिया भारत के बाहर स्थापित फंड्स इनवेस्टमेंट व्हीकल के एक कंसोर्टियम पर लागू नहीं होगा.
लॉक इन पीरियड में छूट देने पर विचार
सफाई में कहा गया कि अगर एक नॉन बैंकिग फाइनेंशियल कंपनी का आईडीबीआई बैंक में मर्जर होता है तो भारत सरकार और आरबीआई शेयरों के लिए 5 साल के लॉक इन पीरियड में छूट देने पर भी विचार करेंगे. आईडीबीआई बैंक में मेजॉरिटी स्टेक के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (Expressions of Interest) जमा करने की 16 दिसंबर की डेडलाइन से पहले यह सफाई दिया गया है.
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सरकार और भारतीय जीवन बीमा निगम की कुल मिलाकर 94.71% हिस्सेदारी
आईडीबीआई बैंक में सरकार और भारतीय जीवन बीमा निगम की कुल मिलाकर 94.71 फीसदी हिस्सेदारी है और वे 60.72 फीसदी हिस्सेदारी बेचना चाहते हैं.
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FIRST PUBLISHED : December 06, 2022, 19:52 IST
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