
नई दिल्ली: उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन यानी नाटो को लेकर शुक्रवार को विदेश मंत्रालय ने एक बड़ी जानकारी दी. मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि भारत और उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (NATO) पिछले कुछ समय से विभिन्न स्तरों पर एक दूसरे के साथ संपर्क में हैं.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची (Arindam Bagchi) से जब प्रेस वार्ता में इस खबर के बारे में पूछा गया कि भारत ने नाटो के साथ पहला राजनीतिक संवाद दिसंबर 2019 में किया था तो उन्होंने यह बात कही.
बागची ने कहा, ‘‘भारत और नाटो पिछले कुछ समय से विभिन्न स्तरों पर ब्रसेल्स में संपर्क में बनाए हुए हैं. यह परस्पर हित के वैश्विक विषयों पर अनेक हितधारकों से हमारे संपर्क में शामिल है.’’ नाटो एक अंतर-सरकारी सैन्य समूह है जिसमें 30 सदस्य देश हैं. इसकी स्थापना द्वितीय विश्व युद्ध के बाद की गयी थी और इसका मुख्यालय ब्रसेल्स में है.
एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 12 दिसंबर 2019 को नाटो और भारत के बीच पहली बैठक हुई थी और अब माना जा राह है कि भविष्य में जल्द ही एक और बैठक होगी. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि नाटो और भारत के बीच हुई यह बैठक रणनीतिक न होकर पूरी तरह से राजनीतिक थी.
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Tags: Arindam Bagchi, Ministry of External Affairs, NATO
FIRST PUBLISHED : August 12, 2022, 23:22 IST
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