e0a4b5e0a4bfe0a4a7e0a4bee0a4afe0a495e0a58be0a482 e0a495e0a587 e0a4aae0a4bee0a4b0e0a58de0a49fe0a580 e0a4ace0a4a6e0a4b2e0a4a8e0a587
e0a4b5e0a4bfe0a4a7e0a4bee0a4afe0a495e0a58be0a482 e0a495e0a587 e0a4aae0a4bee0a4b0e0a58de0a49fe0a580 e0a4ace0a4a6e0a4b2e0a4a8e0a587 1

हाइलाइट्स

गोवा में कांग्रेस पार्टी के 8 विधायकों ने भाजपा का दामन थामकर बड़ा झटका दिया है.
राहुल गांधी ने विधानसभा चुनाव से पहले सभी नेताओं को पार्टी ना छोड़ने की शपथ दिलाई थी.
गोवा के इस राजनीतिक घटनाक्रम से भारत जोड़ो यात्रा पर असर पड़ सकता है.

नई दिल्ली. एक तरफ कांग्रेस अपनी पार्टी को मजबूत करने के लिए जमीनी संघर्ष कर रही है. भारत जोड़ो यात्रा के जरिये पार्टी अपने आप को फिर से खड़ा करने की कोशिश कर रही है. वहीं बुधवार को गोवा में कांग्रेस विधायकों ने भाजपा का दामन थामकर पार्टी को बड़ा झटका दे दिया है. कांग्रेस विधायकों ने पार्टी बदलने का फैसला बहुत ही गलत समय पर लिया है, जिससे कांग्रेस को बड़ा नुकसान हो सकता है. बीते 4 फरवरी को गोवा विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पूर्व कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने राहुल गांधी की मौजूदगी में शपथ ली थी कि चुनाव के बाद वो पार्टी नहीं बदलेंगे. कांग्रेस ने ऐसा इसलिए किया था क्योंकि साल 2017 में 15 विधायकों ने पार्टी बदल ली थी. शपथ के इस तोड़ ने उस गति को तोड़ दिया है, जिस सप्ताह भारत जोड़ो यात्रा ने कन्याकुमारी से केरल और आगे की यात्रा की थी.

अभी कुछ दिन पहले गुलाम नबी आजाद ने News18.com से कहा था कि भारत जोड़ो यात्रा को कांग्रेस जोड़ो यात्रा से बदल देना चाहिए क्योंकि पार्टी टूट रही है, कई जा रहे हैं और कैडर का मनोबल गिरा हुआ है. विकास दिखाता है कि कैसे पार्टी को अपने संगठन पर पहले से कहीं ज्यादा काम करने की जरूरत है. गोवा केंद्रीय और राज्य नेतृत्व के बीच अलगाव का एक उदाहरण रहा है. 2017 में, जब कांग्रेस सरकार बनाने के लिए तैयार थी, लेकिन कुछ विधायकों की कमी हो रही थी, दिग्विजय सिंह, जो उस समय राज्य के प्रभारी थे, राहुल गांधी से आगे बढ़ने और समर्थन प्राप्त करने के लिए एक पुष्टिकरण कॉल का इंतजार करते रहे.

READ More...  फिल्म अपडेट से, बॉक्स ऑफिस पर रसदार गपशप करने के लिए रिपोर्ट - सभी एक ही स्थान पर

पार्टी छोड़ चुके नेताओं ने कहा- कोई वहां सुनता ही नहीं है
कुछ निर्दलीय विधायकों के वह आह्वान कभी अमल में नहीं आया और नतीजा यह हुआ कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सरकार बनाई. हर बार जब किसी ने पार्टी छोड़ी है, हिमंत बिस्वा सरमा से लेकर जितिन प्रसाद तक, सभी ने यह बात कह दी है कि कोई उनकी नहीं सुनता है. यात्रा देश को जोड़ने और इसे एक बनाने के लिए है, कांग्रेस के अनुसार, लेकिन यह सुनिश्चित करने के लिए चुनौती बनी हुई है कि पार्टी एक बनी रहे. कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी समस्या यह है कि वह उन राज्यों में पूरी तरह से सफाया कर दी गई है. जहां उसने कभी शासन किया था और अब उसे वापस सत्ता में आने के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

जिन राज्यों में शासन किया वहां अब करना पड़ रहा है संघर्ष
इसका ताजा उदाहरण ओडिशा, आंध्र प्रदेश, गुजरात हैं और इसकी लिस्ट केवल लंबी होती जा रही है क्योंकि आम आदमी पार्टी (आप) और कुछ हद तक तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) जैसे अन्य पार्टियां खुद का विस्तार कर रही हैं. आम आदमी पार्टी का विकास कांग्रेस की कीमत पर ही हो सकता है, जो हो रहा है. गुजरात की तरह, केजरीवाल ने कांग्रेस को आहत किया जब उन्होंने कहा कि पार्टी खत्म हो गई है. पंजाब में, खराब संगठन और कांग्रेस में अंदरूनी कलह की कीमत पार्टी को चुनाव में चुकानी पड़ी. जबकि राहुल गांधी खुद संकेत देते रहे हैं कि वह अध्यक्ष बनने के इच्छुक नहीं हैं और इस प्रक्रिया से दूर रह सकते हैं.

READ More...  भगत सिंह कोश्यारी ने मराठियों का अपमान किया, राज्यपाल हर हद पार कर रहे हैं: उद्धव ठाकरे

पार्टी नेताओं को विश्वास नहीं गैर गांधी के अध्यक्ष बनने पर
बहुत से लोग इस तर्क को मानने को तैयार नहीं हैं कि अगर किसी गैर-गांधी को अध्यक्ष बनाया जाता है, तो उस व्यक्ति को नियंत्रित नहीं किया जाएगा. तो इस स्थिति में, जहां पार्टी अपने झुंड को एक साथ रखने में विफल रही है. पार्टी भले ही इस भारत जोड़ो यात्रा का कुछ भी उद्देश्य साझा करे लेकिन यह पार्टी को मजबूत करने का एक अवसर है. अतीत में, एनटीआर, जगन मोहन रेड्डी और लालकृष्ण आडवाणी द्वारा की गई यात्राएं केवल उनकी पार्टियों की मदद करती थीं.

Tags: Bharat Jodo Yatra, Congress, Goa

Article Credite: Original Source(, All rights reserve)