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रिपोर्ट-अभिषेक जायसवाल

वाराणसी. देश के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग भगवान के मंदिर हैं. इन मंदिरों में देशभर से श्रद्धालु दर्शन पूजन के लिए आते हैं. इन मंदिरों के कुछ ऐसे खास भगवान भी है जिन्हें भोग में अजब-गजब चीजें चढ़ाई जाती हैं. दक्षिण से लेकर उत्तर भारत तक कई ऐसे मंदिर हैं जहां भगवान को शराब, सिगरेट, गोलगप्पा, टॉफी, बिस्‍कुट, डोसा और चाउमीन ही नहीं बल्कि बाटी चोखा भी चढ़ाया जाता है. इतना ही नहीं इन चीजों को भक्त प्रसाद स्वरूप प्राप्त भी करते हैं.

अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती ने बताया कि अलग-अलग जगहों पर भगवान को लोक आस्था, परंपरा और संस्कृति के हिसाब से उन्हें भोग लगाया जाता है. वहीं, विद्वान स्वामी कन्हैया महाराज ने बताया कि अलग अलग मंदिरों की अलग अलग मान्यता है जिसके मुताबिक, भगवान को भक्त भाव और समर्पण के हिसाब से भोग और प्रसाद चढ़ाते हैं.

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काल भैरव को चढ़ाता है शराब का भोग
यूपी के वाराणसी में बाबा काल भैरव का प्राचीन मंदिर है. इस मंदिर में बाबा को शराब का भोग लगाया जाता है. इसके साथ ही भक्तों में इस प्रसाद का वितरण भी होता है. सैकड़ों साल से ये परम्परा चली आ रही है. शराब के अलावा यहां बाबा को पेड़ा,मेवे आदि का भोग भी लगता है.

मेरठ के इस मंदिर में चढ़ती है सिगरेट
काशी के अलावा यूपी के मेरठ में धन्ना बाबा का मंदिर है. लगभग 400 साल पुराने इस मंदिर में सिगरेट का भोग लगाया जाता है. मेरठ के कंकरखेडा में ये मंदिर स्थापित है. मान्यता है कि जो भी इस मंदिर में सिगरेट जलाकर अपनी मुरादें मांगता है, वो पूरी होती है.गिराहा समाज के इस मन्दिर में दूर दूर से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं.

रामलला को चढ़ रही रबड़ी
इसके अलावा यूपी के अयोध्या में रामलला को भी रबड़ी का भोग लगाया जाता है. इस साल से ही श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने इस नई परम्परा की शुरुआत की है. इसके पहले बाल भोग के दौरान उन्हें मिश्री, छुवाड़ा, किसमिस के साथ पेड़े का भोग भी लगता था, लेकिन अब रामलला रबड़ी का स्वाद चख रहे हैं.

काशी विश्वनाथ को पान का भोग
अयोध्या के रामलला के अलावा बात काशी के बाबा विश्वनाथ की करें तो उन्हें भी पान और गोलगप्पे का भोग लगाया जाता है. सभी पहर की आरती में बाबा विश्वनाथ को पान चढ़ता है. जबकि शाम के वक्त होने वाली आरती में उन्हें गोलगप्पा चढ़ाया जाता है. हालांकि इन चीजों के इतर उन्हें लड्डू, मेवा, पेड़ा, भांग आदि का भोग भी हर दिन लगता है.

हनुमान जी को लगाया जाता है बाटी चोखा का भोग
यूपी के अयोध्या में सरयू तट के करीब राजघाट में हनुमान जी का ऐसा मंदिर है जहां हर रोज बाटी चोखा का भोग लगाया जाता है और फिर इसे ही प्रसाद स्वरूप वितरित किया जाता है.खास बात ये है कि इस बाटी चोखा में लहसुन प्याज का इस्तेमाल नहीं होता है. इस हनुमान मंदिर के पुजारी बाटी बाबा के नाम से फेमस भी हैं.

टॉफी और बिस्‍कुट का भी लगता है भोग
यूपी के वाराणसी में कमच्छा क्षेत्र में बटुक भैरव का मंदिर है. इस मंदिर में बाबा को टॉफी, बिस्‍कुट, चॉकलेट और लॉलीपॉप का भोग लगाया जाता है. कई भक्त यहां फूल माला के बजाय इन सामानों को लेकर ही बाबा के चौखट पर आते हैं और उन्हें इसका प्रसाद चढ़ाते हैं. मंदिर की ओर से भक्तों को ये प्रसाद स्वरूप वितरित भी किया जाता है.बटुक भैरव बाल अवतार में हैं, इसलिए उन्हें इन चीजें चढ़ाई जाती हैं.

अलागार मंदिर में चढ़ता है डोसा
इसके अलावा तमिलनाडु के मदुरै में भगवान विष्णु का अलागार मंदिर है. इस मंदिर में हर दिन भगवान को डोसा का भोग लगाया जाता है. इसके अलावा भक्तों में प्रसाद स्वरूप इसका वितरण भी होता है.ये मंदिर बेहद फेमस है.

काली माता को चढ़ती है चाउमीन
कोलकाता के टांगरा में चाइनीज काली माता का मन्दिर है. यहां देवी को चाइनीज नूडल्स, सूप और चावल का भोग लगाया जाता है. इस मंदिर में दर्शन के लिए दूर दूर से श्रद्धालु आते हैं और उन्हें प्रसाद में यही चीजें बांटी जाती हैं.

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