
रायपुर. छत्तीसगढ़ में हुए हालिया नक्सली हमले में विभिन्न सुरक्षाबलों के 22 जवान शहीद हो गए हैं। देशवासी वीर जवानों को देश के लिए उनकी शाहदत को लेकर नमन कर रहे हैं और सरकार से नक्सलियों के खिलाफ ऐसे एक्शन की मांग कर रहे हैं, जिससे उनका पूरी तरह से सफाया किया जा सके। इस बीच असम की एक 48 वर्षीय लेखिका ने जवानों की शहादत को लेकर फेसबुक पर एक विवादित पोस्ट किया है, जिसके बाद मंगलवार को उन्हें देशद्रोह सहित कई अन्य आरोपों में गिरफ्तार कर लिया गया।
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गुवाहाटी के पुलिस कमिश्नर मुन्ना प्रसाद गुप्ता ने बताया कि लेखिका शिखा सरमा को विभन्न धाराओं जिनमें IPC की धारा 124A (देशद्रोह) भी शामिल है, के तहत गिरफ्तार किया गया है। बता दें कि शिखा सरमा ने फेसबुक पर लिखा, “वेतन लेने वाले पेशेवर लोग जो अपनी ड्यूटी के दौरान मारे जाते हैं उन्हें शहीद नहीं कहा जा सकता। अगर इसी लॉजिक से चलें तो बिजली विभाग के कर्मचारी, जो करंट लगने की वजह से मरते हैं उन्हें भी शहीद कहा जाा चाहिए। मीडिया लोगों को भावुक न बनाएं।”
शिखा सरमा की इस फेसबुक पोस्ट को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चा हो रही है और बड़ी संख्या में लोगों ने उनका विरोध जताया है। सोमवार को गौहाटी हाईकोर्ट के दो वकीलों उमी डेका बरुआ और कंगकना गोस्वामी ने दिसपुर पुलिस स्टेशन में मामले के खिलाफ FIR दर्ज करवाई थी। शिकायतकर्ताओं ने शिखा के खिलाफ कड़ा एक्शन लेने की मांग करते हुए लिखा कि यह हमारे सैनिकों के बलिदान का अपमान है। उन्होंने कहा कि यह पोस्ट राष्ट्र की सेवा की भावना और पवित्रता पर मौखिक हमला है। दिसपुर पुलिस स्टेशन के प्रफुल्ल कुमार दास ने कहा कि मामला दर्ज कर लिया गया है और FIR के आधार पर गिरफ्तारी की गई है।
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