
अहमदनगर जिले की शिरडी विधानसभा सीट से कभी कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे राधाकृष्ण विखे पाटिल अब बीजेपी के ब्रह्मास्त्र हैं. राधाकृष्ण विखे पाटिल पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री बालासाहब विखे पाटिल के बेटे हैं और फिलहाल महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार में मंत्री है.
अपने शानदार राजनीतिक रिकॉर्ड की वजह से राधाकृष्ण विखे पाटिल को कई सरकारों में मंत्री बनने का मौका मिला. अशोक चव्हाण सरकार में वो शिक्षा और परिवहन मंत्री रहे तो पृथ्वीराज सरकार में कृषि और विपणन मंत्रालय संभाला. फिलहाल वो फडणवीस सरकार में अवासीय मंत्रालय संभाल रहे हैं.
शिरडी सीट से 5 बार से लगातार विधायक
राधाकृष्ण विखे पाटिल शिरडी विधानसभा सीट से साल 1995 से विधायक हैं और लगातार 5 बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं. शिरडी विधानसभा सीट से राधाकृष्ण विखे शिवसेना और कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं. लेकिन इस बार वो विधानसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट पर किस्मत आजमाएंगे.
साल 1999 में उन्होंने शिवसेना के उम्मीदवार के रूप में एनसीपी के उम्मीदवार को हराया था. लेकिन उसके बाद साल 2004 में फिर से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीता. फिर साल 2009 और 2014 का भी विधानसभा चुनाव जीता. इसी साल जून में उन्होंने कांग्रेस को अलविदा कह कर बीजेपी का कमल थामा है.
महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष थे पाटील
राधाकृष्ण विखे पाटील महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष थे लेकिन इसी साल कांग्रेस छोड़कर उन्होंने सबको चौंका दिया. बीजेपी में शामिल होने पर उनका वेलकम कैबिनेट मंत्रालय के पोर्टफोलियो के साथ हुआ. विखे पाटिल को फडणवीस की कैबिनेट में आवासीय मंत्रालय मिला.
राधाकृष्ण विखे पाटिल का जन्म 15 जून 1959 में शिरडी में हुआ. उनके पिता बाला साहेब विखे पाटिल एक वरिष्ठ राजनीतिज्ञ रहे हैं. बालासाहेब विखे पाटिल भी केंद्र सरकार में वित्त मंत्री रह चुके हैं.
पिता-पुत्र ने छोड़ी कांग्रेस
साल 2019 के लोकसभा चुनाव के वक्त राधाकृष्ण विखे पाटिल ने कांग्रेस विधायक दल के नेता पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद उन्होंने नेता प्रतिपक्ष के पद से भी इस्तीफा दे दिया. दरअसल इसकी बड़ी वजह ये मानी जा रही है कि राधाकृष्ण पाटिल अपने बेटे सुजय विखे पाटिल के लिए अहमदनगर सीट से लोकसभा का टिकट मांग रहे थे. लेकिन ये सीट बंटवारे के तहत एनसीपी के खाते में चली गई. राधाकृष्ण पाटिल ने कांग्रेस से गुहार भी लगाई थी कि इस सीट की बजाए एनसीपी को कोई दूसरी सीट दे दी जाए. यहां तक कि उन्होंने एनसीपी चीफ शरद पवार से दोनों परिवारों के बीच चल रही राजनीतिक प्रतिद्वन्द्विता को समाप्त कर एक नई शुरुआत करने की भी गुज़ारिश की. लेकिन कहा जाता है कि शरद पवार माने नहीं. नतीजतन, कांग्रेस की सेंट्रल लीडरशिप से टिकट की बजाए निराशा मिलने पर राधाकृष्ण विखे पाटिल ने पार्टी छोड़ने का मन बना लिया था.
पहले सुजय विखे पाटिल ने कांग्रेस छोड़ी और साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट पर अहमदनगर से सांसद का चुनाव जीता. बाद में राधाकृष्ण विखे पाटिल ने भी नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफा देते हुए कांग्रेस छोड़ दी.
शिरडी से बीजेपी उम्मीदवार हैं विखे पाटील
अमहदनगर सीट से राधाकृष्ण विखे पाटिल के बेटे सुजय विखे पाटिल बीजेपी के सांसद हैं. सुजय विखे पाटिल पेशे से न्यूरो सर्जन हैं.
अब शिरडी विधानसभा सीट से राधाकृष्ण विखे पाटील बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे. हालांकि बीजेपी-शिवसेना गठबंधन के बीच सीट शेयरिंग के फॉर्मूले को लेकर शिरडी की सीट का भी पेंच फंसा क्योंकि शिवसेना इस सीट से अपना दावा नहीं छोड़ना चाहती थी. लेकिन राधाकृष्ण विखे पाटिल के पांच बार के जीत के रिकॉर्ड के चलते बीजेपी इस सीट पर दावा ठोकने में कामयाब हुई. अब देखना है कि बीजेपी के टिकट पर राधाकृष्ण विखे पाटिल अपने जीत के रिकॉर्ड को बरकरार रख पाते हैं या नहीं. वैसे विखे पाटिल की टक्कर में शिरडी से कांग्रेस और एनसीपी के पास कोई भी बड़ा चेहरा नहीं है. यही वजह है कि कल तक कांग्रेस के जीत के ट्रंपकार्ड रहे विखे पाटिल अब खुद कांग्रेस के लिए ही चुनौती बन चुके हैं.
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Tags: BJP, Congress, Maharashtra asembly election 2019, Maharashtra Assembly Election 2019
FIRST PUBLISHED : October 14, 2019, 14:49 IST
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