
कोलंबो. अपनी आजादी के बाद श्रीलंका सबसे बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहा है. उसे दिवालिया घोषित कर दिया गया है. इस बीच लोगों का देश से पलायन शुरू हो चुका है. श्रीलंकाई तमिल तो भारत की ओर रुख करने लगे हैं जबकि अन्य लोग देश से बाहर निकलने के लिए कई-कई दिनों तक लाइन में लगकर पासपोर्ट बना रहे हैं. गुरुवार को एक महिला इसी तरह दो दिनों से पासपोर्ट के लिए कतार में खड़ी थी लेकिन अचानक उसे प्रसव पीड़ा शुरू हो गई. इसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया जहां उसने बच्ची को जन्म दिया.
अधिकारियों ने बताया कि कोलंबो में आव्रजन विभाग में तैनात श्रीलंका सेना के कर्मियों ने सुबह 26 वर्षीय एक महिला को प्रसव पीड़ा होते देखा. उन्होंने बताया कि वे उसे कैसल अस्पताल ले गए जहां महिला ने बच्ची को जन्म दिया.
हर चीज के लिए लाइन
उन्होंने बताया कि विदेश में रोजगार हासिल करने के लिए पासपोर्ट लेने के वास्ते महिला और उसका पति पिछले दो दिन से कतार में लगे हुए थे. देश में इस साल जनवरी से शुरू हुए आर्थिक संकट के बाद से कार्यालय के बाहर पासपोर्ट लेने के इच्छुक लोगों की लंबी कतारें देखी जा रही हैं. हर तरफ लाइन ही लाइन लगी हुई. कहीं खाने-पीने के सामान लेने की लाइन है तो कहीं गैस सिलेंडर की लाइन. पेट्रोल, डीजल अगर किसी पंप पर थोड़ा भी पहुंचता है तो उसके लिए कई-कई किलोमीटर तक कतारें लग जाती है. लोगों को हर जरूरी चीजों के लिए लाइन में लगना पड़ता है.
भारत ने दी है सबसे ज्याादा मदद
1948 के बाद से श्रीलंका सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है. खाने-पीने जैसी आवश्यक वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही है. ईंधन की भारी किल्लत है. लोगों को खाना खाने के लिए भी लाइन में लगना पड़ता है. पेट्रोल डीजल की कमी के कारण परिवहन व्यवस्था चरमरा गई है. भारत की ओर भेजी जा रही मदद भी नाकाफी साबित हो रही है. हालांकि भारत ने अब तक सबसे अधिक मदद दी है. अब तक भारत की ओर से 3.5 अरब डॉलर की सहायता श्रीलंका को गई है लेकिन श्रीलंका पर भारी कर्ज है. 8 अरब डॉलर की किस्त नहीं चुकाने के कारण वह दिवालिया हो चुका है. श्रीलंका भारत से तत्कला और मदद चाहता है. इसके अलावा आईएमएफ से श्रीलंका को लोन मिलने में देरी हो रही है. भारत आईएमएफ से श्रीलंका को लोन दिलाने के लिए कोशिश कर रहा है.
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FIRST PUBLISHED : July 07, 2022, 17:39 IST
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