e0a4b8e0a482e0a4b8e0a4a6 e0a495e0a587 e0a4a8e0a48f e0a4ade0a4b5e0a4a8 e0a495e0a58b e0a4b2e0a587e0a495e0a4b0 e0a4b8e0a4b0e0a495e0a4be
e0a4b8e0a482e0a4b8e0a4a6 e0a495e0a587 e0a4a8e0a48f e0a4ade0a4b5e0a4a8 e0a495e0a58b e0a4b2e0a587e0a495e0a4b0 e0a4b8e0a4b0e0a495e0a4be 1

हाइलाइट्स

सरकार और विपक्ष की टकराहट अभी नहीं
संसदीय समितियों की बैठक में रोचक नजारे
सत्‍तापक्ष और विपक्ष में जारी है आरोपों का दौर

नई दिल्‍ली. फिलहाल संसद का सत्र नहीं होने के कारण विपक्ष और सरकार (Government) के बीच का टकराव संसदीय समितियों (Parliamentary committees) में देखने को मिल रहा है. डोनर, यानी पूर्वोत्तर विकास परियोजना पर गृह मामलों की संसदीय समिति की बैठक में तीखी झड़प देखने को मिली. यहां भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले अध्यक्ष के साथ विपक्ष का टकराव हुआ. इस बैठक में जब सरकारी सचिव ने प्रजेंटेशन के समय कहा कि नार्थ-ईस्‍ट राज्यों के लिए इस रणनीति का मूल और उद्देश्य “सब का साथ, सब का विकास” था. तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन के नेतृत्व में विपक्षी सदस्यों ने विरोध किया और भाजपा की एक प्रति जारी की. 2014 के लोकसभा चुनावों के लिए घोषणापत्र, जिसके कवर पर यही नारा था.

विपक्षी नेताओं ने कहा कि यहां किसी प्रजेंटेशन की इजाजत नहीं है जिसमें किसी पार्टी का चुनावी घोषणापत्र दिखाया जा रहा हो. हालांकि विपक्षी तर्क को संसदीय समिति के अध्यक्ष के साथ-साथ अन्य भाजपा नेताओं ने पूरी तरह से खारिज कर दिया. उन्होंने बताया कि यह प्रधानमंत्री का मकसद था और इसलिए इसे पक्षपातपूर्ण या राजनीतिक रूप में नहीं देखा जा सकता है. समिति के अध्यक्ष बृजलाल ने यह कहते हुए इस तर्क को मानने से इनकार कर दिया कि यह पीएम का विजन है और उनके विजन को महज राजनीति नहीं कहा जा सकता.

सरकार और पार्टी के बीच बड़ा अंतर है
इधर, टीएमसी ने इस मुद्दे पर कहा कि इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती है और इससे बचा जाना चाहिए. अब वह सभी सरकारी विभागों और मंत्रालयों को यह बताने के लिए पत्र लिखने जा रही है. डेरेक ओ’ब्रायन ने News18 को बताया, ‘हम किसी भी सरकारी कार्यक्रम या नीति प्रस्तुतियों में ‘मा माटी मानुष’ का इस्तेमाल कभी नहीं करते हैं. पार्टी कर सकती है लेकिन सरकार नहीं कर सकती.’ संसद के शीतकालीन सत्र पर फैसला होना है. पूर्वोत्तर के कुछ सांसदों और ईसाई सांसदों का कहना है कि उन्हें क्रिसमस की तैयारी के लिए बहुत कम समय दिया गया है. वास्तव में, इनमें से कई सांसदों द्वारा लगातार आंकड़े यह बताने के लिए कैबिनेट में रखे गए हैं कि पिछले कुछ वर्षों में संसद का शीतकालीन सत्र क्रिसमस से ठीक एक या दो दिन पहले समाप्त हो गया है और सत्र का दूसरा भाग पहले सत्र में फिर से शुरू होता है. जनवरी का सप्ताह, जिसका अर्थ है कि उन्हें क्रिसमस और नए साल की छुट्टियों को कम करके वापस आना होगा.

READ More...  हंसते-हंसते मेड़ों के रस्ते स्कूल चले हम, सड़कें बने या नहीं, किसी को नहीं ये गम- पढ़ें सरकारी कार्यशैली

संसद के नए भवन को लेकर भी गहमागहमी
नया संसद भवन को लेकर भी सरकार और विपक्षी नेताओं के बीच तीखी तकरार देखने को मिल सकती है. डेरेक ओ’ब्रायन जैसे सदस्यों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यह एक नए संसद भवन का उद्घाटन नहीं है, बल्कि “संसद को बंद करना” है. सूत्रों का कहना है कि नए संसद भवन में केंद्रीय हॉल नहीं होगा. विपक्षी नेताओं का कहना है कि यह नई इमारत, सरकार द्वारा संसदीय मानदंडों से समझौता सुनिश्चित करने के लिए एक और प्रयास है.

Tags: Central government, New Parliament Building, Parliamentary committee

Article Credite: Original Source(, All rights reserve)