
लखीमपुर खीरी. आजकल तेज रफ्तार भरी जिंदगी में रोड दुर्घटनाओं में आए दिन भयानक एक्सीडेंट की खबरें सुनने को मिलती है, जिनमें बड़ी संख्या में लोगों की वाहन दुर्घटना में मौत हो रही है. ये दुर्घटनाएं इतनी भयानक होती हैं कि पलक झपकते ही लोगों के मौत के मुंह में पहुंचा देती हैं.
लखीमपुर खीरी के प्रसिद्ध मनोचिकित्सक डॉक्टर दिनेश दुआ का मानना है अधिकतर रोड एक्सीडेंट में रोड हिप्नोसिस भी एक बड़ा कारण है. आखिर ये रोड हिप्नोसिस क्या है, जिसे वह सड़क हादसों का बड़ा कारण बता रहे हैं…
वह बताते हैं, ‘यह किसी भी वाहन की ड्राइविंग करते समय की एक शारिरिक स्थिति है. आम तौर पर लगातार ढाई-तीन घंटे की ड्राइविंग के बाद रोड हिप्नोसिस शुरू होता है. ऐसी सम्मोहन की स्थिति में आंखें खुली होती हैं, लेकिन दिमाग अक्रियाशील हो जाता है. इसलिए जो दिख रहा है उसका सही विश्लेषण नहीं हो पाता और नतीजतन सीधी टक्कर वाली दुर्घटना हो जाती है.
वह कहते हैं, ‘इस सम्मोहन की स्थिति में दुर्घटना के 15 मिनिट तक ड्राइवर को न तो सामने के वाहनों का आभास होता है और न ही अपनी स्पीड का… और जब 120-140 स्पीड से टक्कर होती है तो भयानक दुष्परिणाम सामने आते हैं.
रोड हिप्नोसिस से बचने का तरीका
वह बताते हैं, ‘इस सम्मोहन की स्थिति से बचने के लिए हर ढाई-तीन घंटे ड्राइविंग के पश्चात रुकना चाहिए. चाय-कॉफी पिए, 5-10 मिनिट आराम करें और मन को शांत करें.’ ड्राइविंग के दौरान स्थान विशेष और आते-जाते कुछ वाहनों को याद करते चलें. अगर आप महसूस करें कि पिछले 15 मिनिट का आपको कुछ याद नहीं है, तो इसका मतलब है कि आप खुदको और सहप्रवासियों को मौत के मुंह में ले जा रहे हो.
डॉ. दिनेश दुआ कहते हैं, ‘रोड सम्मोहन अक्सर अचानक रात के समय होता है. जब अन्य यात्री सो या ऊंघ रहे होते हैं. इसलिए बेहद गंभीर दुर्घटना हो सकती है. ड्राइवर को झपकी आ जाए या नींद आ जाए तो दुर्घटना को कोई नहीं रोक सकता. लेकिन आँखें खुली हो तो दिमाग का क्रियाशील होना अतिआवश्यक है. ध्यान रखें, सुरक्षित रहें, सुरक्षित ड्राइविंग करें.’
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Tags: Road accident, UP news
FIRST PUBLISHED : May 31, 2022, 10:40 IST
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