
हाइलाइट्स
परचेजिंग मैनजेर्स इंडेक्स(PMI) अगस्त के 56.2 से घटकर 55.1 पर पहुंच गया.
पीएमआई से पता चलता है कि सितंबर में भी मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में ग्रोथ बनी हुई है.
यह लगातार 15वां महीना है जब विनिर्माण में सुधार दर्ज किया गया है.
नई दिल्ली. मांग घटने की वजह से फैक्ट्री गतिविधियां कुछ प्रभावित हुई हैं. यही कारण है कि सितंबर, 2022 में भारत की मैन्यूफैक्चरिंग गतिविधियों (Manufacturing Activity) में गिरावट देखने को मिला है. एसएंडपी ग्लोबल का पर्चेजिंग मैनजेर्स इंडेक्स (PMI) अगस्त के 56.2 से घटकर 55.1 पर पहुंच गया. यह 3 महीने का निचला स्तर है. हालांकि, कुछ सुस्ती के बावजूद अच्छी बात यह है कि कंपनियों ने नए कर्मचारियों की भर्ती की. सोमवार को जारी एक मासिक सर्वेक्षण में यह आकलन पेश किया गया.
समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार, पीएमआई से पता चलता है कि सितंबर में भी मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में ग्रोथ बनी हुई है, क्योंकि पीएमआई का 50 से अधिक होना ग्रोथ को प्रदर्शित करता है, जबकि 50 से नीचे होना संकुचन को दर्शाता है. सितंबर में पीएमआई 55.1 पर रहा जो विनिर्माण गतिविधियों में वृद्धि को दर्शाता है. यह लगातार 15वां महीना है जब विनिर्माण में सुधार दर्ज किया गया है.
नौकरियां बढ़ी
एसएंडपी की पीएमआई सर्वेक्षण कहता है कि विनिर्माण विस्तार की दर अगस्त की तुलना में थोड़ा सुस्त पड़ने के बावजूद ऐतिहासिक रूप से ऊंचे स्तर पर बनी रही. बिक्री में बढ़त और उत्पादन बढ़ाने की जरूरत को पूरा करने के लिए कंपनियों ने अतिरिक्त कर्मचारियों की भर्ती की. लागत मूल्य में कमी आने से कंपनियों की खरीद में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई है. सर्वेक्षण के मुताबिक, कंपनियों की विनिर्माण खरीद से जुड़ी लागत दो साल में सबसे धीमी रफ्तार से बढ़ी जबकि उत्पादन भार मुद्रास्फीति सात महीने के निचले स्तर पर आ गई.
मजबूत है भारतीय विनिर्माण क्षेत्र
एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस की आर्थिक सह निदेशक पॉलियाना डी लीमा ने कहा कि पीएमआई के नए आंकड़ों से पता चलता है कि भारतीय विनिर्माण क्षेत्र वैश्विक चुनौतियों और मंदी की आशंका के बावजूद अच्छी स्थिति में बना हुआ है. उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि सितंबर में नए ऑर्डर्स और उत्पादन में थोड़ी नरमी देखी गई है. परंतु फिर भी कुछ महत्वपूर्ण इंडिकेटर्स इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि निकट भविष्य में उत्पादन में बढ़ोतरी हो सकती है.
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लीमा ने कहा कि करेंसी रिस्क और कमजोर रुपये का महंगाई तथा ब्याज दर पर असर से अक्टूबर के दौरान प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं भी रह सकता है. वहीं, कई एनालिस्ट का मानना है कि एशिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी मानी जानी वाली भारतीय अर्थव्यवस्था इस साल पूरे विश्व में सबसे ज्यादा तेजी से बढ़ सकती है.
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Tags: Business news in hindi, Economy, Manufacturing sector, PMI
FIRST PUBLISHED : October 03, 2022, 13:50 IST
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