
हाइलाइट्स
जापान में पाया जाता है वसाबी का पौधा, मसाले में होता है प्रयोग
जापान के अलावा कुछ ही ऐसे देश हैं, जहां होती है इसकी खेती
वसाबी की खेती बहुत लंबी और जटिल, बहुत महंगा होता है पौधा
Wasabi Cultivation: दुनिया में कई ऐसी अनमोल चीजें हैं जो एक क्षेत्र विशेष में पायी जाती हैं. कई ऐसे फल (Fruits), सब्जियां (Vegetable) या अन्य पौधे हैं जो केवल कुछ देशों या कुछ क्षेत्र विशेष में पाए जाते हैं. ऐसे कई पौधे (Plants) हैं जिनके बारे में हमें या आपको मालूम भी नहीं है. ऐसा ही एक पौधा है वसाबी (Wasabi). भारत में बहुत कम लोग ही ऐसे होंगे जिन्हें वसाबी (Wasabi) के बारे में पता होगा. बहुत कम ऐसे देश हैं जहां वसाबी की खेती होती है. वसाबी की खेती (Wasabi Cultivation) मूलतः जापान (Japan) में की जाती है. लेकिन इसके अलावा भी कुछ देशों में इसकी खेती की जाने लगी है. अभी मात्र ऐसे 10 देश ही हैं जहां वसाबी की खेती की जाती है.
वसाबी को पश्चिमी देशों में अक्सर ‘जापानी हॉर्सरैडिस’ कहा जाता है. मुख्यतः इसकी जड़ का उपयोग किया जाता है. इसकी जड़ का उपयोग मसाला बनाने में किया जाता है. इसका स्वाद बेहद तीखा होता है. इसका स्वाद और सुगंध लोगों को बहुत पसंद आती है. वसाबी को घिसकर व्यंजनों में डाला जाता है. यह जापानी व्यंजनों में पड़ने वाला प्रमुख मसाला है.
इन देशों में होती है खेती
वसाबी की खेती मुख्यतः जापान के इजू प्रायद्वीप, शिमाने प्रांत, इवते समेत कई क्षेत्रों में की जाती है. मूल रूप से वसाबी की खेती जापान में ही की जाती है. लेकिन इसके अलावा अन्य जगहों पर भी अब इसकी खेती होने लगी है. जापान के अलावा यह ओरेगन, अमेरिका, इजराइल, तस्मानिया, ब्रिटिश कोलंबिया, ताइवान, न्यूजीलैंड, कनाडा और उत्तरी कैरोलिना में की जाती है. हालांकि इन जगहों के कुछ क्षेत्रों में ही वसाबी की खेती की जाती है.
’20 हजार रुपया किलो…’
वसाबी को शुद्ध रूप में पाने के लिए इसकी खेती बिना उर्वरक और कीटनाशकों के की जाती है. कुछ उत्पादक ज्यादा पैदावार के लिए उर्वरकों का प्रयोग करते हैं. वसाबी की खेती लंबी और जटिल होती है. इसकी मांग बहुत ज्यादा होती है. इसे तैयार होने में दो साल तक का वक्त लग जाता है. वसाबी के अच्छे और शुद्ध उत्पादन के लिए इसकी बहुत ज्यादा देखभाल की आवश्यकता होती है. जापान में लोग इसे बहुत पसंद करते हैं. यह बहुत महंगा होता है. आम तौर पर एक किलो वसाबी की कीमत 20 हजार रुपये के लगभग बैठती है.
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Tags: Agriculture, Farmers, World news
FIRST PUBLISHED : January 13, 2023, 12:52 IST
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